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सोशल मीडिया में 2021 तक अंग्रेजी भाषा को पीछे छोड़ देंगे स्थानीय भाषा के डिजिटल यूजर

सुनील कामथ, चीफ बिजनेस ऑफिसर, ShareChat

नई दिल्लीOct 01, 2018 / 03:00 pm

Manoj Kumar

सोशल मीडिया में 2021 तक अंग्रेजी भाषा को पीछे छोड़ देंगे स्थानीय भाषा के डिजिटल यूजर

संचार एवं नेटवर्किंग सभी मनुष्यों की मूलभूत जरूरत है और लोगों से जुड़ने की इस इच्छा को पूरा करने के लिए हमने पत्रों व टेलीग्राम से लेकर सोशल मीडिया तक बहुत लंबी दूरी तय की है। सोशल मीडिया के जन्म से ही यह लगातार विकसित हो रहा है और आज अनेक लोग उठने के बाद जो सबसे पहला काम करते हैं, वह है अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल को देखना। आज सोशल मीडिया प्रोफाइल का उपयोग न केवल दोस्त बनाने और लोगों से मिलने के लिए होता है, बल्कि लोग जानकारी, समाचार देखने या फिर उत्पाद खरीदने जैसे कामों के लिए भी सोशल मीडिया का उपयोग कर रहे हैं।
भारत के बहुभाषी सोशल मीडिया यूजर्स

भारत में सांस्कृतिक विविधता है और यहां का सबसे महत्वपूर्ण बैरोमीटर यहां की बहुभाषी संस्कृति है। कश्मीर से कन्याकुमारी तक 1600 से अधिक भाषाएं बोली जाती हैं और सोशल मीडिया के इस युग में डिजिटल विविधता भी तेजी से विकसित हो रही है। देश के कोने कोने में स्मार्टफोन और इंटरनेट का उपयोग बढ़ने के साथ स्थानीय, उपयोगी और स्थानीय भाषा में उपलब्ध कंटेंट की मांग भी बढ़ी है। आज अनेक सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म उपलब्ध हैं, लेकिन प्रश्न यह है कि ये विशेष स्थानीय सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म क्या पेश करते हैं।
आपकी पसंद की भाषा: आज लोग सभी के लिए एक ही चीज के सिद्धांत से आगे बढ़ गए हैं। ऐसे प्लेटफाॅर्म की मांग बढ़ी है, जो विशेष समूह की संस्कृति और परंपरा के अनुरूप हो, जो उन्हें उम्र के बंधन के बिना अपने परिवार और दोस्तों से कनेक्ट करे। आज का समाज हर किसी से सुगमता से कनेक्ट होना और ऐसी भाषा में अपने विचारों की अभिव्यक्ति करना चाहता है, जो सभी के लिए सुविधाजनक हो।
क्षेत्रीय एवं उपयोगी चर्चा: क्षेत्र विशिष्ट सामग्री काफी लोकप्रिय हो गई है और स्थानीय त्योहारों एवं आयोजनों के बारे में चर्चाएं बढ़ रही हैं। स्थानीय सामग्री में लोगों की संलग्नता बढ़ी है क्योंकि वो शीघ्रता से कनेक्ट होकर यह सामग्री अपने समूहों से साझा करना चाहते हैं। स्थानीय सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म, शेयरचैट 14 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है, इसलिए इस पर देश के स्थानीय आयोजनों/त्योहारों जैसे उगडी, लिट्टी चोखा फेस्टिवल, लोहड़ी, रक्षाबंधन आदि की बड़ी संख्या में पोस्ट साझा होती हैं। साथ ही आज कई बिज़नेस अपने ग्राहकों तक पहुंचने के लिए क्षेत्रीय डिजिटल कंटेंट का लाभ उठा रहे हैं।
क्षेत्रीय सेलिब्रिटीज एवं प्रभावशाली हस्तियों से कनेक्ट होना: कई सेलिब्रिटीज़ और प्रभावशाली लोग अपने फैंस से उनके राज्य/शहर की भाषा में बात करना पसंद करते हैं। दूसरी तरफ जो लोग अपनी स्थानीय बोली में बात करना सुगम महसूस करते हैं, वो डिजिटल प्लेटफाॅर्म्स पर अपने स्थानीय हीरो से बात करने के लिए उतावले होते हैं क्योंकि यहां पर वो उनसे ज्यादा व्यक्तिगत तरीके से हो सकते हैं।
पहली बार इंटरनेट का उपयोग करने वालों के लिए सरल एवं अद्वितीय तकनीकी फीचर्स: साइन-अप की आसान प्रक्रिया, आसान यूजर इंटरफेस पहली बार इंटरनेट से जुड़ने वालों के लिए सोशल मीडिया का काॅन्सेप्ट आसान बना देता है।
2021 तक बदल जाएगी सोशल मीडिया की तस्वीर

एक रिपोर्ट के अनुसार, 2021 तक स्थानीय भाषा का इंटरनेट यूजर बेस इंग्लिश भाषा के डिजिटल उपभोक्ताओं को पीछे छोड़ देगा और इस परिवर्तन का नेतृत्व सोशल मीडिया करेगा। सोशल मीडिया समाचार, डिजिटल एंटरटेनमेंट, भुगतान करने, सरकारी योजनाओं/सेवाओं पर जानकारी प्राप्त करने के लिए वन स्टाॅप विकल्प है। इस सामग्री को भारतीय भाषाओं में उपलब्ध कराया जाना बहुत जरूरी है, ताकि इंटरनेट से जुड़ने वाले करोड़ों लोग इसका लाभ ले सकें। स्थानीय सोशल मीडिया इस डिजिटल लहर का सबसे उपयोगी प्लेटफाॅर्म होगा।
 

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