script18 जुलाई के बाद आने वाली है महंगाई की आंधी: अब आटा, दही, छाछ भी GST के दायरे में; होटल का कमरा, पेंसिल शार्पनर, स्याही से लेकर हीरे के भी बढ़ेंगे दाम | After July 18, flour, curd, buttermilk, kids Stationary to cost more | Patrika News

18 जुलाई के बाद आने वाली है महंगाई की आंधी: अब आटा, दही, छाछ भी GST के दायरे में; होटल का कमरा, पेंसिल शार्पनर, स्याही से लेकर हीरे के भी बढ़ेंगे दाम

locationजयपुरPublished: Jun 30, 2022 03:48:07 pm

Submitted by:

Swatantra Jain

29 जून को चंडीगढ़ में संपन्न हुई जीएसटी काउंसिल की 47वीं मीटिंग में दूरगामी महत्व के बड़े फैसले लिए गए हैं। जीएसट दरों में रेट के रैशनेलाइजेशन के नाम पर करीब 36 आइटम्स पर टैक्स दरों में बदलाव किया गया और इसमें 31 आइटम्स पर टैक्स दरों को बढ़ाया गया है, जबकि सिर्फ 5 आइटम्स जीएसटी की दरों को घटाया गया है। एक्सपर्ट का कहना है कि जीएसटी काउंसिल में जो भी बदलाव किए गए हैं उनमें कोई दिशा नहीं है और वे लॉजिकल भी नहीं दिख रहे। क्या कुछ हुआ जीएसटी काउंसिल में फैसले, देखें स्वतंत्र जैन की रिपोर्ट

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30 जून को जीएसटी को लागू हुए पांच साल हो गए हैं और पांच साल पूरे होने पर जहाँ सरकार जीएसटी को लागू होने के पांच साल का जश्न मना रही है, वहीं जीएसटी काउंसिल की 47वीं मीटिंग में आम आदमी के उपभोग के ऐसी चीजों पर टैक्स लगाया गया है जो कि अब तक जीएसटी के दायरे से बाहर थीं। जीएसटी के बदलाव 18 जुलाई से लागू होंगे। इनमें जो सबसे अहम फैसला किया गया है वो ये कि अब तक अधिकांश अनाज और खाने-पीने की चीजें और कृषि उपकरण आदि जीएसटी के बाहर थे, पर वे सब जीएसटी के दायरे में आ गए हैं। यही नहीं कुछ बदलाव इस मीटिंग में ऐसे किए गए हैं जिन्हें टैक्स एक्सपर्ट सीधे-सीधे विधि सम्मत नहीं होने की बात कह रहे हैं।
आटा, दही, छाछ-लस्सी पर भी अब वसूली जाएगी जीएसटी

जीएसटी काउंसिल की 47वीं मीटिंग में ये फैसला लिया गया है कि अब दही, छाछ-लस्सी और आटा समेत वे सभी खाद्य योग्य आइटम जिनको खुले के बजाए डिब्बा बंद रूप में बेचा जा रहा है और जो कि अब तक जीएसटी के दायरे में नहीं थे, उन सभी को अब जीएसटी के दायरे में लाया गया है। यानी इन पर अब कम के कम 5 प्रतिशत जीएसटी दर लग सकती है या ये दर अधिक भी हो सकती है। हालांकि इन पर जीएसटी की दर कितनी होगी इसका निर्णय सरकार द्वारा जारी किए नोटिफिकेशन से तय होगा जो कि 18 जुलाई से पहले आ जाएगा। जीएसटी एक्सपर्ट जतिन हरजाई ने बताया कि जीएसटी काउंसिल की 47वीं मीटिंग ये फैसला लिया गया है कि अब कोई भी पैकेज्ड अनाज या दुग्ध पदार्थ जीएसटी के दायरे से बाहर नहीं होगा। अब तक सिर्फ वही पैकेज्ड आइटम जीएसटी में आ रहे थे जो ब्रांडेड थे। लेकिन अब ये बारीक विभाजन रेखा भी खत्म कर दी गई है। अब दूध को छोड़कर करीब-करीब सभी खाद्य पदार्थ जिनको डिब्बाबंद या पैकेज्ड रूप में बेचा जाएगा वो जीएसटी के दायर में आएंगे। जतिन ने बताया कि छाछ और दही के बार में काउंसिल की प्रेस रिलीज में विशेष रूप से कहा गया है कि अब ये भी डिब्बांबद रूप में जीएसटी के दायरे में होंगे।
31 सेवाओं और सामानों पर जीएसटी दर में बढ़ोतरी

राजस्थान कर सलाहकार संघ के अध्यक्ष सतीश गुप्ता ने बताया कि कुल करीब 36 आइटम्स पर जीएसटी काउंसिल द्वारा बदलाव किए गए हैं। इनमें से 31 आइटम्स पर जीएसटी दर बढ़ाई गई है और शेष आइटम्स पर कम गई है। यहां हम पूरी सूची आपको दे रहे हैं जिन पर जीएसटी दर बढ़ाई गई है। इसमें आप देख सकते हैं रेशनेलाइजेशन के नाम पर अधिकांश आइटम्स पर जीएसटी की दरे बढ़ाई गई हैं।
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जीएसटी काउंसिल के इन फैसलों पर उठे सवाल

वहीं राजस्थान कर सलाहकार संघ के अध्यक्ष सतीश गुप्ता ने बताया कि काउंसिल में कुछ ऐसे फैसले भी लिए गए हैं जो विधि सम्मत नहीं हैं। सतीश गुप्ता ने बताया कि उन्हें हैरानी है कि काउंसिल कैसे इस तरह के फैसले ले सकती है। गुप्ता ने बताया कि काउंसिल के फैसलों की जारी प्रेस रिलीज में कहा गया है कि, ईडेबल ऑयल और कोयला पर संचित इनपुट टैक्स क्रेडिट को नहीं दिया जाना विधि सम्मत नहीं है और इसके वापस लिया जाना रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स के दायरे में आता है जिसको अदालत में चुनौती दिया जाना तय है।
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कई आईटम्स को जीएसटी छूट की गई खत्म

जीएसटी काउंसिल के 47वीं मीटिंग के अनुसार, करीब 10 आइटम्स पर GST से छूट वापस ले ली जाएगी। यानी इन पर अब तक शून्य जीएसटी थी और अब इन पर 5 से 18 प्रतिशत जीएसटी दर लगा दी गई है। इनमें मुख्य आइटम्स इस प्रकार हैं –
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