नेस्ले कंपनी की मुसीबते कम होने का नाम नहीं ले रही है, प्रतिबन्ध के छह माह बाद मैगी के बाजार में फिर से आने के बाद अब उत्तर प्रदेश के मऊ में नेस्ले के मैकरोनी पास्ता का नमूना भी फेल हो गया है।
नेस्ले कंपनी की मुसीबते कम होने का नाम नहीं ले रही है, प्रतिबन्ध के छह माह बाद मैगी के बाजार में फिर से आने के बाद अब उत्तर प्रदेश के मऊ में नेस्ले के मैकरोनी पास्ता का नमूना भी फेल हो गया है।
मैकरोनी पास्ता में मानक से लेड की मात्रा अधिक पाई गई है जिसे जिले के खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने अब इस मामले में कार्रवाई के लिए आयुक्त खाद्य सुरक्षा एव औषधि प्रशासन विभाग लखनऊ को भेज दिया है।
मैगी की ही तरह मैकरोनी पास्ता में भी मानक से ज्यादा लेड की मात्रा पाई गई है और नमूने फेल हो गए है। पूरे देश में मैगी को लेकर चले अभियान के बाद उस पर प्रतिबंध लगा दिया गया था क्योंकि उसमें लेड की मात्रा मानक से ज्यादा थी और अब उसी राह पर मैकरोनी पास्ता भी है।
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के अधिकारियों ने पास्ता के नमूने यहां से 10 जून को लिए थे। नमूने जांच के लिए राजकीय खाद्य प्रयोगशाला लखनऊ को भेजे गए।
जांच रिपोर्ट पिछले दो सितम्बर को मिली जिसमे नमूने फेल पाए गए। मऊ के खाद्य सुरक्षा एव औषधि प्रशासन विभाग ने नेस्ले कंपनी को इस बाबत अवगत कराते हुए एक पत्र भेजा और जांच के विरुद्ध अपील करने के लिए एक माह का समय भी दिया लेकिन नेस्ले इंडिया ने नोटिस को वापस भेज दिया।
अब खाद्य सुरक्षा एव औषधि प्रशासन विभाग ने कार्रवाई के लिए आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग लखनऊ को $फाइल भेज दी है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के अधिकारी अरङ्क्षवद यादव ने कहा कि मैकरोनी पास्ता में मानक के अनुसार 2.5 पीपीएम लेड की मात्रा होनी चाहिए लेकिन जांच में 6 पीपीएम पाई गई है जो मानक से कही ज्यादा है।