CCI ने लगाया था Amazon पर 202 करोड़ का जुर्माना NCLT के अपीलीय न्यायाधिकरण ने कहा कि अमेज़ॅन ने निवेश के आवेदन के दौरान प्रासंगिक सामग्री का पूर्ण, निष्पक्ष, स्पष्ट और साफ प्रकटीकरण नहीं किया था और फ्यूचर रिटेल में अधिकारों के अधिग्रहण से संबंधित प्रकटीकरण के लिए केवल सीमित विवरण प्रस्तुत किया था। मामले में अभी एनसीएलएटी के विस्तृत आदेश का इंतजार है। इसके पहले दिसंबर में, भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने फ्यूचर कूपन के साथ अमेज़न के सौदे की मंजूरी को निलंबित कर दिया था और यह कहते हुए अमजेन पर 202 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था कि फ्यूचर रिटेल में अमेज़न के रणनीतिक हितों को पर्याप्त रूप से पहचानने और सूचित करने में कंपनी पर्याप्त रूप से विफल रही थी।
एनसीएलटी की दो सदस्यीय पीठ ने सुनाया फैसला न्यायमूर्ति एम वेणुगोपाल और अशोक कुमार मिश्रा की दो सदस्यीय पीठ ने अपने आदेश में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के निष्कर्षों को बरकरार रखा है। इसने अमेज़ॅन को निष्पक्ष व्यापार नियामक (CCI) द्वारा लगाए गए 202 करोड़ रुपये के जुर्माने का भुगतान सोमवार से 45 दिनों के भीतर करने का निर्देश दिया है। दो सदस्यीय पीठ ने कहा, "यह अपीलीय न्यायाधिकरण सीसीआई के साथ पूरी तरह से सहमत है।"
पिछले साल दिसंबर में, CCI ने फ्यूचर कूपन प्राइवेट लिमिटेड (FCPL) में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने के लिए Amazon के सौदे के लिए अपनी मंजूरी (2019 में दी गई) को निलंबित कर दिया था। नियामक ने कहा कि अमेज़ॅन ने उस समय लेनदेन के लिए मंजूरी की मांग करते हुए जानकारी को छुपाया और कंपनी पर 202 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। बता दें, एफसीपीएल (फ्यूचर कंपनी प्राइवेट लिमिटेड) कंपनी ही फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) की प्रमोटर कंपनी है।
अमेजन ने किया था रिलायंस और फ्यूचर के सौदे का विरोध
अमेज़ॅन ने 24,713 करोड़ रुपये के सौदे के हिस्से के रूप में रिलायंस रिटेल को संपत्ति बेचने के लिए एफआरएल के सौदे का विरोध किया था, जिसे अब बंद कर दिया गया है।
ई-कॉमर्स प्रमुख ने अपने 2019 लेनदेन के आधार पर सौदे का विरोध किया, जिससे उसने एफसीपीएल में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल कर लेने का दावा किया था। एनसीएलएटी ने इस साल अप्रैल में अमेज़न की याचिका पर सुनवाई पूरी कर ली थी। सभी पक्षों ने रजिस्ट्री के समक्ष प्रासंगिक पक्षों और जवाबों के साथ प्रस्तुतीकरण के संशोधित नोट दाखिल कर दिए थे।
CCI के आदेश को NCLAT में दी गई थी चुनौती अमेज़न ने इस आदेश को NCLAT में चुनौती दी थी। अमेज़ॅन के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल सुब्रमण्यम ने CCI के इस ऑर्डर को इस आधार प चुनौती दी थी:
- 2019 के निवेश मंजूरी निर्णय पर विचार करने के लिए CCI के पास पर्याप्त अधिकार नहीं हैं ।
- अन्य न्यायालयों के समक्ष जमा किए निवेदनों की जांच करने के अधिकार पर सवाल।
- सीसीआई के समक्ष उचित और निष्पक्ष प्रक्रिया के निर्भाव का अभाव
इरादों का छुपाना पड़ा अमेजन के लिए महंगा जवाब में, CCI ने कहा था कि उसकी 2019 की मंजूरी का दायरा केवल कूपन, उपहार और भुगतान व्यवसाय था और उसमें FRL की भूमिका एक कूपन जारीकर्ता मात्र की थी।वहीं नियामक NCLT के लिए पेश होते हुए, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एन वेंकटरमन ने कहा कि सीसीआई को बताया गया था कि लेनदेन का उद्देश्य फ्यूचर कूपन के कूपन व्यवसाय में अमेज़ॅन की रुचि थी, लेकिन असली इरादा फ्यूचर रिटेल पर नियंत्रण हासिल करना था - जो कंपनी बिग बाजार की चैन सहित खुदरा ब्रांड स्टोर चलाती है । सीसीआई ने एनसीएलएटी से कहा था कि ये अनुचित कथन और सत्य का छिपाया एक फ्रॉड में बदल गया था। फ्यूचर ग्रुप ने भी सीसीआई की कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा था कि नियामक के पास फ्यूचर कूपन के साथ अमेज़ॅन के 2019 सौदे को निलंबित करने अधिकार था। “ मिथ्या ढोंग से प्राप्त आदेश को रद्द किया जा सकता है। धोखाधड़ी से जो कुछ भी प्राप्त किया जाता है वो बहुत ही अस्थिर नींव पर खड़ा होता है, ” वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने फ्यूचर कूपन के लिए बहस करते हुए कहा था।