शुक्रवार को ब्रिटेन की एक अदालत में अनिल अंबानी ने बताया कि आज के समय में उनकी कमाई कुछ नही है उनका सारा खर्च उनकी पत्नी उठा रहीं हैं। यहां तक कि वो इन दिनों एक साधारण सी जिंदगी जीने को मजबूर है। वो सिर्फ एक कार का इस्तेमाल करते हैं।
12 जून तक चीनी बैंकों का चुकाना था कर्ज
दरअसल अनिल अंबानी ने तीन चीन बैको से कर्ज लिया था और ब्रिटेन की अदालत ने उन्हें आदेश दिया था कि चीन के बैंकों का सारा कर्ज वो 71,69,17,681 डॉलर यानी 5,281 करोड़ रुपये कर्ज 12 जून तक चुका दें। साथ ही अंबानी से 50,000 पाउंड यानी करीब सात करोड़ रुपये कानूनी खर्च के रूप में भुगतान करने को कहा गया था।
कोर्ट ने संपत्तियों का ब्योरा देने का दिया था आदेश
अनिल अंबानी ने कोर्ट के द्वारा दिए गए समय पर बकाया राशि को नही चुका पाए जिसके बाद 15 जून को चीनी बैंकों ने अनिल अंबानी की तमाम संपत्तियों के खुलासे को लेकर बात की थी। जून में ही एफिडेविट के जरिए मास्टर डेविसन ने अंबानी को पूरी दुनिया में फैली उनकी उन संपत्तियों का खुलासा करने का आदेश दिया था, जिनकी कीमत 1,00,000 लाख डॉलर यानी करीब 74 लाख रुपये से ज्यादा है।
अनिल अंबानी के खाते में मिले मात्र 20.8 लाख
अनिल अंबानी के हलात आत के समय में एक आम इंसान से भी बद्दतर चल रहे है। उनके बैंक बैलेंस को जब खंगाला गया तो 31 दिसंबर 2019 को उनके खाते में 40.2 लाख रुपये था जो एक जनवरी 2020 को घटकर 20.8 लाख रुपये रह गया। अंबानी ने कोर्ट में कहा कि वो भारत के सबसे धनी लोगों में शुमार होते रहे हैं, लेकिन अब उनके पास 1,10,000 डॉलर मूल्य की सिर्फ एक कलाकृति है।
मेरे पास आमदनी का कोई अन्य विकल्प नहीं- अंबानी
अनिल अंबानी ने यूके की अदालत में कहा कि आज के समय में उनके पास कुछ नही है वे कानूनी खर्च घर पर रखे कीमती गहनों को बेचकर चुका रहे हैं और बाकी खर्चों के लिए दूसरी संपत्तियां बेचने की कोर्ट से अनुमति की दरकार होगी।
सभी कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल करेंगे चीनी बैंक
बता दें कि फरवरी 2012 में रिलायंस कॉम ने तीन चीनी बैंकों से $700 मिलियन से अधिक का लोन लिया था, लेकिन अब यह कंपनी कर्ज चुकाने में असमर्थ है और कंपनी अब दिवालिया भी हो चुकी है पैसे समय पर ना चुकने से नाराज बैंकों ने अनिल अंबानी पर ब्याज के साथ रकम वसूलने के लिए मुकदमा किया है. लोन देने वालों में इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल बैंक ऑफ चाइना लिमिटेड (मुंबई ब्रांच), चाइना डेवलपमेंट बैंक और एक्जिम बैंक ऑफ चाइना हैं।
22 मई 2020 को लंदन की अदालत ने फैसला सुनाते हुए अनिल अंबानी से 12 जून तक तीन चीनी बैंकों को $7.17 मिलियन का भुगतान करने का आदेश दिया था, लेकिन तय समय पर भुगतान ना करने पर बैंकों ने संपत्ति घोषित करने की मांग की थी। फिर अदालत ने अनिल अंबानी से दुनिया में फैली संपत्तियों के बारे में बताने का आदेश दिया था।
उनसे ऐफिडेविट में यह भी बताने को कहा गया कि उनके पास जितनी भी संपत्तियां है उसमें उनकी पूरी हिस्सेदारी है या इसमें कोई दूसरी भी संयुक्त हकदार हैं. इधर, तीन चीनी बैंकों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वो अंबानी के खिलाफ बाकी सभी कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल करेंगे।