जेटली ने कहा कि इस साल राजमार्ग निर्माण के संदर्भ में ही हमारा लक्ष्य 10,000 किलोमीटर है। हमारी रेल प्रणाली 100 साल पुरानी है। हम बड़े पैमाने पर आधुनिकीकरण के लिए कदम उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार रेलवे स्टेशन को वाणिज्यिक केंद्रों में बदलने के लिए निजी क्षेत्र की भागीदारी पर जोर दे रही है।
जेटली ने कहा कि सरकार की और हवाईअड्डे व समुद्री बंदरगाह के निर्माण की योजना है। पर्यावरण रूप से अनुकूल अक्षय ऊर्जा पर विशेष जोर के साथ और अधिक मात्रा में बिजली उत्पादन का लक्ष्य है।
जेटली ने कहा कि भारत का जोर अगले दशक में बुनियादी ढांचे के मामले में अंतर को भरना है, जिससे वृद्धि और रोजगार में बढ़ोतरी होगी तथा गरीबी को कम करने में मदद मिलेगी। हमारा प्रयास उभरती अर्थव्यवस्था को विकसित अर्थव्यवस्था की श्रेणी में लाना है। जेटली ने यह भी कहा कि परियोजनाएं तब सफल होती हैं, जब परियोजनाओं में निवेश के लिए जोखिम को खत्म किया जाए।
सेमिनार में जेटली के अलावा चीन के वित्त मंत्री लोऊ जिवेई, लक्जमबर्ग के वित्त मंत्री पियरे एजिड ग्रामेगना, जोर्डन के योजना एवं अंतरराष्ट्रीय सहयोग मंत्री इमाद नजीब फाकुरी, एआईआई के अध्यक्ष जिन लिक्वन आदि मौजूद थे।