किसानों के कर्ज माफी पर पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि सभी लंबित पड़े एनपीए से संबंधित मामलों का समाधन जरुरी है और यह समय की मांग है। ऐसे में अगर राज्य सरकारें किसानों का कर्ज मांफ करती है तो उन्हें अपने राजकीय कोष से धन जुटना होगा। ये बाते उन्हेंने सरकारी क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों के साथ एक विशेष बैठक हिस्सा लेने के दौरान कही है।
वित्त मंत्री जेटली ने बैठक में बैंकिंग क्षेत्र के कारोबार की स्थितियों का जायजा भी लिया। और कहा कि रिजर्व बैंक दिवाला और शोधन अक्षमता कानून के नियमों के तहत फंसे हुए कर्ज की सूची तैयार कर रहा है। इसके अलावा सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के परस्पर विलय और अधिग्रहण पर भी विचार कर रही है।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में सोमवार को किसानों के आंदोलन से पहले ही राज्य सरकार ने कर्जमाफी का फैसला लिया है। जिसके तहत छोटे किसानों का पूरी तरह कर्ज माफ होगा जबकि बड़े किसानों की सशर्त कर्जमाफी की जाएगी। कर्जमाफी पर जानकारी देते हुए महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने बताया कि कुछ शर्तों के साथ किसानों के कर्जमाफी को कैबिनेट ने मंजूरी दी है।