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नकदी संकट का सामना कर रहे लोगों को और राहत, 30 दिसंबर तक ATM से लेनदेन के लिए सभी शुल्क समाप्त

Published: Nov 15, 2016 08:43:00 am

Submitted by:

santosh

नकदी संकट का सामना कर रहे लोगों को कुछ और राहत देते हुए रिजर्व बैंक ने बैंकों को बचत खाता ग्राहकों के लिए 30 दिसंबर तक एटीएम से लेनदेन के लिए सभी एटीएम शुल्क समाप्त करने का निर्देश दिया है।

ATM
नकदी संकट का सामना कर रहे लोगों को कुछ और राहत देते हुए रिजर्व बैंक ने बैंकों को बचत खाता ग्राहकों के लिए 30 दिसंबर तक एटीएम से लेनदेन के लिए सभी एटीएम शुल्क समाप्त करने का निर्देश दिया है।
यह छूट ग्राहक को न केवल अपने बैंक, बल्कि अन्य बैंकों के एटीएम से लेनदेन पर भी मिलेगी। केंद्रीय बैंक ने एक अधिसूचना में कहा, ‘यह फैसला किया गया है कि बचत बैंक खाताधारकों को एटीएम से सभी वित्तीय और गैर वित्तीय लेनदेन पर 30 दिसंबर तक कोई शुल्क नहीं देना होगा। 
यह सुविधा खाताधारक को न केवल अपने बैंक के एटीएम, बल्कि अन्य बैंकों के एटीएम पर भी मिलेगी।10 नवंबर से 30 दिसंबर तक एटीएम से लेनदेन पर कोई शुल्क नहीं लगेगा। देशभर में विभिन्न बैंकों के करीब दो लाख एटीएम हैं।
कालाधन सफेद करने के लिए अपनाने लगे ‘तरीके’

प्रधानमंत्री ने जब से 1000 और 500 के नोट बंद किए है, तब से काला धन छिपा कररखने वालों की नींद उड़ गई है। जहां बैंकों के बाहर छोटी रकम लेने वालों की भीड़भाड़ है वहीं बड़ी मात्रा में कालाधन रखने वाले सलाहकारों से नोट खपाने के तरीके पूछ भी रहे हैं और अमल भी कर रहे हैं। पत्रिका ने फील्ड में जाकर जाने वे तरीके, जो कालेधन रखने वाले अब इस्तेमाल करने लग गए हैं। इन तरीकों को अपनाना पूरी तरह गैर कानूनी है, फिर भी इस तरह के संकेत मिल रहे हैं। फिलहाल पड़ताल में इन तरीकों का पता चला है।
हवाला के जरिए

कालेधन को बाहर लाने का बड़ा कारण हवाला कारोबार रहा है, लेकिन इसी तरीके पर भी कई लोग जा रहे हैं। यह वह काला धन है, जो बैंक में जमा नहीं कर सकते। तो ऐसे लोग हवाला एजेंट के जरिए अपनी नकदी जयपुर से विदेश में किसी एजेंट के पास पहुंचा देते हैं और फिर विदेशी एजेंट उसका विदेशी खाता खुलवाकर भारतीय शेयर बाजार में निवेश कर देता हैं। यह शेयर सफेद धन में तब्दील हो जाते हैं।
करंट अकाउंट से 

लोग अपना कालाधन सफेद करने के लिए करंट अकाउंट का सहारा ले रहे हैं। जो फर्म साल के अपनी टर्नओवर लिमिट पूरा नहीं कर पातीं, उन फर्मों पर अब कालाधन रखने वालों की नजर है। दरअसल टर्नओवर लिमिट हर राज्य की अलग-अलग होती है, लेकिन औसतन यह 20 लाख से ऊपर ही रहती है। ऐसे में लोग फर्जी बिल बनवा कर अपना धन सफेद करने की भी कोशिश कर रहे हैं।
कृषि आय दिखा कर

अगर आपके पास कृषि जमीन है तो आपकी कृषि आय करमुक्त कहलाती है। इसका मतलब यह है धान, काली मिर्च या गेहूं की बिक्री से अर्जित पैसे कर से मुक्त हैं। इसलिए, जो लोग काला धन कमाने की फर्जी रसीद कृषि जिंसों में व्यापार से प्राप्त कर लेते हैं उनको फायदा हो जाता है। रिकॉर्ड की खातिर इन लोगों को अधिग्रहण या गांवों में पैतृक संपत्ति का सबूत दिखाना होता है।
एक बार में 50, 000 जमा कराकर

यह तारीका मिडिल क्लास के लोग, जिनके पास कम मात्र में काला धन है, वो काम में लेते है। क्योंकि आप 50,000 से ज्यादा एक बार में जमा करें तो आपको अपना पेन नंबर देना होता है। इससे कम जमा करने से आप आईटी वालों की नजर में नहीं आते।
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