अब इस मामले पर केंद्र सरकार भी हरकत में आ गई है। शुक्रवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि इस मामले में रिपोर्ट मांगी गई है, ताकि नुकसान को रोका जा सके। बीते दिनों कई बैंक ग्राहकों ने अमरीका और चीन में उनके इंटरनेशनल डेबिट कार्ड से पैसा निकाले जाने की शिकायत की। जिस पर गुरुवार को बैंकों ने ग्राहकों से पिन नंबर बदलने को कहा था।
हिताची के सिस्टम में सेंध यस बैंक को सेवाएं देने वाली हिताची पेमेंट सर्विसेस के सिस्टम की सिक्युरिटी में सेंध लगी है। हिताची ही एटीएम सर्विसेस, प्वाइंट ऑफ सेल्स सर्विसेस, इमर्जिंग पेमेंट सर्विसेस और कैश रिसाइकलिंग एटीएम और ऑटो पासबुक एंट्री मशीनों जैसे बैंकिंग चैनल प्रोडक्ट्स मुहैया कराती है।
1.3 करोड़ की निकासी के बाद शक एनपीसीआई ने कहा कि 19 बैंकों के 641 कस्टमर्स के कुल 1.3 करोड़ रुपए की निकासी के बाद शक हुआ। इसी के बाद हैकिंग का खतरा सामने आया।
62 लाख तक हो सकती है गड़बड़ी अनुमान है कि इस वायरस से विभिन्न बैंकों के 30 लाख से ज्यादा डेबिट कार्ड प्रभावित हुए हैं। सूत्रों के अनुसार यह आंकड़ा 62 लाख तक जा सकता है।
मई से धोखाधड़ी 5 सितंबर को अमरीका-चीन में पैसे निकाले जाने की घटना पर बैंकों ने नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया से इसकी शिकायत की। जांच के बाद पाया गया कि मई की शुरुआत से ही मालवेयर की वजह से एटीएम में गड़बड़ी हो रही थी। अब तक 19 बैंकों ने धोखाधड़ी से पैसे निकालने की सूचना दी है।