प्रॉपटाइगर, हाउसिंग और मकान डॉट कॉम के ग्रुप CFO विकास वधावन ने कहा कि “2016-21 की अवधि के दौरान आवास की कीमतें काफी हद तक स्थिर रहीं। साल 2022 में कीमतों में तेजी देखी गई क्योंकि रूस-यूक्रेन युद्ध जैसी वैश्विक विपरीत परिस्थितियों के कारण कई निर्माण सामग्रियों के दाम में बढ़ोतरी हुई है। अंडर-कंस्ट्रक्शन और रेडी टू मूव यूनिट्स दोनों की मांग में में भी तेजी देखी गई है, जिसके कारण बिल्डरों को अपार्टमेंट के दाम बढ़ाने पड़े हैं।”
दिल्ली-NCR और बेंगलुरु में औसतन 9% की दर से बढ़ी घरों की कीमतें
रिपोर्ट के अनुसार पिछले एक साल में बेंगलुरु और दिल्ली-NCR में घरों की कीमतों में औसतन 9% की बढ़ोतरी देखी गई है, जिसके बाद यहां की कीमतें 4,800 से लेकर 5,000 रुपए प्रति वर्ग फुट हो गई है। जबकि नोएडा में 7% की वृद्धि के साथ कीमतें 5,400-5,600 प्रति वर्ग फुट पहुंच गई हैं। इसके साथ ही बेंगलुरु में दरें 9% से बढ़कर घरों की कीमतें 6,000-6,200 प्रति वर्ग फुट हो गई हैं। वहीं इस दौरान सबसे अधिक 13% की बढ़ोतरी गुरुग्राम में देखी गई है, जहां कीमतें 7,000-7,200 रुपए प्रति वर्ग फुट हो गई हैं।
मुंबई, कोलकाता, चेन्नई , हैदराबाद और पुणे में किस हिसाब से घरों के बढ़े दाम?
मुंबई में आवासों की कीमतें 5% की दर से बढ़कर 10,100-10,300 रुपए प्रति वर्ग फुट पहुंच गई है। वहीं कोलकाता में घरों की कीमतें 7% बढ़कर 4,600-4,800 प्रति वर्ग फुट, जबकि चेन्नई में लगभग 5% बढ़कर 5,600-5,800 प्रति वर्ग फुट हो गई हैं। इसके साथ ही हैदराबाद में पिछले कुछ सालों में दोहरे अंकों की वृद्धि देखी गई है। इसके अलावा पुणे में अवासों की कीमतें 8% बढ़कर 5,500-5,700 रुपए प्रति वर्ग फुट हो गई है।
आवासीय मार्केट में निवेशकों की बढ़ेगी दिलचस्पी
विकास वधावन ने कहा कि “हम मानते हैं कि 2023 के दौरान आवास की कीमतें एकल अंकों में बढ़ती रहेंगी क्योंकि मांग मजबूत बनी हुई है। इनपुट लागत विशेष रूप से स्टील की कीमतों में थोड़ी कमी आई है, लेकिन अन्य सामग्रियों की दरें अभी भी अधिक हैं। कीमतों में मामूली वृद्धि भी बाजार के लिए स्वस्थ है क्योंकि यह निवेशकों को आवास बाजार में लौटने के लिए प्रोत्साहित करेगी। पिछले 6-7 सालों में आवासीय मार्केट में बड़े पैमाने पर अंतिम यूजर्स का वर्चस्व रहा है, लेकिन अब हम उम्मीद करते हैं कि निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ेगी।”