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RTGS, NEFT मनी ट्रांसफर में देरी होने पर बैंक को देना होगा जुर्माना, जानिए RBI का नियम

RTGS और NEFT के द्वारा मनी ट्रांसफर करने पर अगर रिसीवर अकाउंट में तय समय के अंदर अगर पैसा नहीं पहुंचता है तो बैंक को इसके लिए ग्राहक को जुर्माना देना होता है। जुर्माने की राशि रैपो रेट पर निर्भर करेगा, जिसके साथ 2% ब्याज भी देना पड़ता है।

Aug 28, 2022 / 12:23 pm

Abhishek Kumar Tripathi

Bank will have to pay penalty for delay in RTGS, NEFT money transfer, know RBI’s rule

पैसे ट्रांसफर करने के कई तरीके हैं, जिसमें से RTGS और NEFT सबसे प्रमुख हैं। एक अकाउंट से दूसरे अकाउंट में पैसा भेजने के लिए यह सबसे सुविधाजनक प्रोसेस है। ग्राहक बैंक जाकर या नेट बैंकिग से RTGS और NEFT प्रोसेस के जरिए पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं। हालांकि ज्यादातर लोग फोन पे, गूगल पे जैसे ऐप्स के जरिए पैसा ट्रांसफर करने लगे हैं, जिसमें IMPS के जरिए पैसा ट्रांसफर होता है। इसमें पैसा तुरंत ट्रांसफर हो जाता है, जिसमें रिसीवर अकाउंट में तुरंत पैसा ट्रांसफर होता है। ग्राहक बैंक व नेट बैंकिग से भी IMPS प्रोसेस के जरिए पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं।
कई बार पैसा ट्रांसफर करने में पैसा अटक जाता है, जिसकी कई वजहे होती हैं। ऐसे में सवाल ये आता है कि इसको लेकर RBI (Reserve Bank of India) के क्या नियम हैं। RBI के अनुसार RTGS और NEFT के द्वारा पैसे ट्रांसफर करने पर अगर ग्राहक का पैसा अटक जाता है तो तय समय के अंदर ट्रांजेक्शन सेटलमेंट हो जाना चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है तो बैंक को इसके लिए ग्राहक को जुर्माना देना पड़ेगा।

NEFT के जरिए पैसा ट्रांसफर करने के बाद अधिकतम 2 घंटे का समय दिया गया है, जिसके अंदर पैसा ट्रांसफर हो जाना चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है तो इन्ही 2 घंटे के अंदर जिस ग्राहक ने पैसा ट्रांसफर करने की प्रोसेस की है उसी के अकाउंट में पैसा रिटर्न आ जाना चाहिए। अब अगर इन 2 घंटों में पैसों का सेटलमेंट नहीं होता है और पैसा अटका रहता है तो बैंक को इसके लिए ग्राहक को जुर्माना देना पडे़गा।
 


RTGS के जरिए पैसा ट्रांसफर करने को लेकर RBI का नियम कहता है कि पैसा रियल टाइम में ट्रांसफर हो जाना चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है तो एक घंटे के अंदर या तो पैसा ट्रांसफर हो जाए या फिर पैसा ट्रांसफर करने की प्रोसेस करने वाले ग्राहक के अकाउंट में वापस आ जाए। इस समय के बाद भी अगर पैसा पैसों का सेटलमेंट नहीं होता है और पैसा अटका रहता है तो बैंक को इसके लिए ग्राहक को जुर्माना देना पडे़गा।
 


RBI के अनुसार RTGS और NEFT के द्वारा पैसे ट्रांसफर करने पर अगर ग्राहक का पैसा अटक जाता है तो तय समय के अंदर ट्रांजेक्शन सेटलमेंट हो जाना चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है तो बैंक को इसके लिए ग्राहक को जुर्माना देना पड़ेगा। जुर्माने की राशि रैपो रेट पर निर्भर करेगा, जिसके साथ 2% ब्याज भी देना पड़ता है। वर्तमान में रेपो रेट 4.90% है, जिसके साथ 2% ब्याज भी बैंक को देना पड़ेगा।
 


पैसे तय समय में ट्रांसफर न होने की शिकायत ग्राहक बैंक जाकर, हेल्पलाइन में फोन करके या मेल करके शिकायत दर्ज करा सकते हैं। शिकायत करते समय ट्रांजेक्शन के बारे में पूरी जानकारी अवश्य देना चाहिए।

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