नतीजा : 32 फीसदी घटे एटीएम ट्रांजेक्शन बैंक-एटीएम में कदम-कदम पर पैसा लगने से आमजन तो परेशान हैं ही, खुद बैंककर्मी भी इन चार्जेज के विरोध में हैं। बैंकिंग सूत्रों के अनुसार इसी का नतीजा है कि पिछले 15 दिन में एटीएम से ट्रांजेक्शन 32 फीसदी तक घट गए हैं।
यूं महंगा हुआ एटीएम जाना बैंक के बाद अब एटीएम से कैश निकासी भी आपको महंगी पड़ रही है। महीने में अब आप 5 बार ही बिना चार्ज के एटीएम से पैसा निकाल सकते हैं। इसके बाद के ट्रांजेक्शन पर 20 रुपए देने होंगे। अन्य बैंक के एटीएम से एक माह में सिर्फ 3 बार पैसा निकाल सकते हैं, इसके बाद 20 रुपए प्रति ट्रांजेक्शन चार्ज देना होगा। एटीएम से 3 ट्रांजेक्शन के बाद आप बैलेंस चैक करते हैं या चेकबुक अप्लाई करते हैं तो 8.50 रुपए चार्ज लगेगा।
अन्य चार्जेज डेबिट या क्रेडिट कार्ड की सालाना फीस 200 रुपए मिनिमम फ्री ट्रांजेक्शन कर लिए तो उसके बाद एटीएम से किए जाने वाले प्रत्येक ट्रांजेक्शन के लिए 15-20 रुपए लॉकर का चार्ज 30 फीसदी तक बढ़ा
एसएमएस चार्ज 15 रुपए प्रति तिमाही गलती बैंक की, तो भी पैसा आप भरेंगे अगर आपका एटीएम ट्रांजेक्शन फेल हो जाए, यानी एटीएम में कैश नहीं हो या आपकी जरूरत के नोट नहीं हो तो भी वह ट्रांजेक्शन माना जाएगा। ऐसे तीन ट्रांजेक्शन बैंक की गलती से फेल हुए तो भी आप महीने की ट्रांजेक्शन सीमा के पार हो जाएंगे और अगले ट्रांजेक्शन से चार्ज लगना शुरू हो जाएगा।
यूपीआई पर फिलहाल चार्ज नहीं यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस माध्यम से भुगतान पर फिलहाल कोई शुल्क नहीं है लेकिन संभव है कि भविष्य में इस पर भी चार्ज वसूला जाए। प्रधानमंत्री कार्यालय की पहल के बाद सस्ते घर बनाने को तैयार हुए डवलपर्स, लाखों सपने होंगे सच
पैसा जमा कराना है, तो ‘पैसा’ दो नए नियम के अनुसार आप अपने बैंक खाते में एक माह में केवल 3 बार ही नकद पैसे जमा करा सकते हैं। इसके बाद प्रति ट्रांजेक्शन 50 रुपए शुल्क देना होगा।
मेट्रो सिटी में न्यूनतम बैलेंस एक हजार से बढ़ाकर 5 हजार रुपए कर दिया गया है। शहर-कस्बों में यह सीमा 3 हजार रुपए की गई है। अगर आपने न्यूनतम बैलेंस का ध्यान नहीं रखा तो 200 रुपए तक सरचार्ज देना होगा।
लुटेरा बना दवा बाजार, 80 प्रतिशत तक महंगी बेच रहे हैं 613 दवाएं ऑनलाइन पर भी चार्ज नेट या मोबाइल बैंकिंग के जरिए फंड ट्रांसफर के समय लॉग-इन के लिए तो कोई चार्ज नहीं लिया जाता लेकिन एनईएफटी के जरिए ट्रांजेक्शन करने पर आपको 2.5 से 25 रुपए देने होंगे। आरटीजीएस के लिए 30 से 55 रुपए देने पड़ेंगे। प्रत्येक आईएमपीएस ट्रांजेक्शन के लिए 5 से 15 रुपए शुल्क लगता है।
हर चार्ज के पीछे कोई प्रिंसिपल होना चाहिए। बैंकों के चार्ज पर नजर रखने का काम रेगुलेटरी का है लेकिन यह भी पता नहीं है कि बैंक किन नियमों के आधार पर चार्ज ले रहे हैं। सरकार, रेगुलेटरी की जिम्मेदारी है कि बैंकों से सवाल करें।
– केसी चक्रवर्ती, पूर्व डिप्टी गवर्नर, आरबीआई। बैंक कुछ चार्ज वापस ले आए, कुछ नए लगा दिए। लागत निकालने के लिए सर्विस चार्ज बढ़ा रहे हैं। बैंकिंग इंडस्ट्री में काफी प्रतिस्पर्द्घा है। सीमा से ज्यादा और नाजायज चार्ज नहीं वसूले जा सकते।
– नवीन कुकरेजा, विषय विशेषज्ञ।