बता दें कि सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंकों के कर्मचारी और अधिकारी, सभी निजी बैंकों, विदेशी बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और सहकारी बैंकों के कर्मचारी व अधिकारी 28 फरवरी को एक दिन की हड़ताल पर रहने का ऐलान किया है।
कर्मचारियों ने कहा कि संघों की तरफ से की गई मांगों का कोई समाधान निकालने की सभी कोशिशें बेकार जाने के बाद मजबूरन हड़ताल का आह्वान करना पड़ा है। मुख्य श्रम आयुक्त के साथ 21 फरवरी को हुई बैठक का कोई नतीजा नहीं निकल पाया, क्योंकि बैंक प्रबंधन संस्था, इंडियन बैंक एसोसिएशन श्रमिक संघों की मांगों पर सहमत नहीं हुई।
इसलिए हो रही हड़ताल -आरबीआइ ने कितने नोट छापे और बैंकों को कितने जारी किए, की –रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग। -नोटबंदी के दौरान पकड़े गए लोगों के नाम सार्वजनिक किए जाए।
-रिफार्म बिल को वापस लिया जाए। -आउटसोर्सिग बंद किया जाए। -नोटबंदी के दौरान देर तक कार्य करने वाले कर्मचारियों को तय समय -सीमा के बाद काम का मुआवजा देना। -हर बैंक में आफिसर से क्लर्क व अन्य कर्मचारियों की जल्द भर्ती।
-अनुकंपा के आधार पर नियुक्त करने की जो मांग तक लागू करना। -सप्ताह में पांच दिन बैंक में कार्य।