वैश्विक बाजार में कमजोरी आैर डाॅलर के मजबूत होने से सोने की कीमतों में लगातार गिरावट देखी जा रही है।
•Sep 29, 2018 / 02:06 pm•
Saurabh Sharma
religious and spiritual beliefs
नर्इ दिल्ली। कस्टम ड्यूटी आैर तमाम तरह के टैक्स होने के बाद भी सोने की कीमतों में पिछले छह माह में गिरावट देखने को मिल रही है। इसकी सबसे बड़ी वजह है डाॅलर का मजबूत हाेना आैर वैश्विक स्तर पर चल रही है गिरावट। खास बात ये है कि त्योहारी सीजन में इस तरह की गिरावट पिछले 20 सालों में पहली बार देखने को मिली है। यानि इस बार दीपावली के मौके पर आपके पास सोना खरीदने का सही समय है। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर आपको इस बार सोना कितने रुपए में मिल सकता है…
पिछले 6 हफ्तों में बड़ी गिरावट
जहां एक आेर त्योहारों से पहले आॅटो आैर इलेक्ट्रोनिक्स आइटम के महंगे होने से मायूसी है, वहीं दूसरी आेर सस्ता सोना या आभूषण खरीदने का अच्छा मौका मिल सकता है। वास्तव में पीली धातु की कीमतों में छह माह से गिरावट आ रही है। वैश्विक स्तर पर गिरावट के साथ भारत में भी सोना अपनी पकड़ खो रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, डॉलर में लगातार मजबूती से सोने की कीमत में लगातार छह हफ्तों से गिरावट है।
20 में सबसे लंबी गिरावट
वहीं मासिक आधार पर यह लगातार छह माह से नुकसान पर है और जनवरी 1997 के बाद पिछले 20 सालों में यह गिरावट का सबसे लंबा दौर है। हाजिर सोने की कीमत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शुक्रवार को 1182.48 डाॅलर प्रति औंस (28.34 प्रति ग्राम) रही। यह 17 अगस्त के 1180.34 डाॅलर प्रति औंस के दाम से न्यूनतम स्तर पर है। गुरुवार को इसकी कीमत 1181.61 डाॅलर प्रति औंस रही थी।
लगातार डाॅलर हो रहा है मजबूत
जानकारों की मानें तो अमरीकी अर्थव्यवस्था में मजबूती को देखते हुए उनके केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में पिछले एक साल में तीसरी बार बढ़ोतरी की है और आगे भी इसमें वृद्धि के संकेत दिए हैं। ऐसे में अमरीकी शेयर बाजार में निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ गर्इ है। जिससे अंतरराष्ट्रीय और घरेलू स्तर पर सोना कमजोर हो रहा है। चीन-अमरीका व्यापार युद्ध से भी डॉलर मजबूत हो रहा है और सोने पर दबाव है।
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