एनआरआई ( NRI ) यानी अप्रवासी भारतीय ( non resident Indians )। भारत के विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम ( फेमा ) 1999 के अनुसार, एक भारत का नागरिक यदि रोजगार, व्यवसाय या किसी अन्य व्यवसाय के उद्देश्य से भारत से बाहर रहता है, तो उसे एनआरआई यानी अप्रवासी भारतीय माना जाएगा। अगर वो पिछले वर्ष के दौरान भारत में 182 दिनों से कम रहा है, तब भी वे NRI ( aadhar card for nri ) है।
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मोदी सरकार ने अपने पिछले कार्यकाम में भी एनआरआई की परिभाषा तय की थी। अनिवासी भारतीय ( NRI ), भारतीय मूल के व्यक्तियों (PIO-Persons of Indian Origin) और विदेशी भारतीय नागरिकों (OCI-Overseas Citizenship of India) की ओर से भारत में किए जाने वाले प्रत्यक्ष विदेशी निवेश संबंधी नीति में संशोधन किए थे।
इसके अनुसार अनिवासी भारतीय की परिभाषा इस प्रकार होगी
‘अनिवासी भारतीय’ (एनआरआई) का अर्थ ऐसे वैयक्तिक नागरिक, जो भारत के बाहर रहते हैं और भारत के नागरिक हैं या जो नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 7(ए) के दायरे में ‘विदेशी भारतीय नागरिक’ कार्डधारक हैं। जिन व्यक्तियों के पास ‘भारतीय मूल के व्यक्ति’ का कार्ड है और जो 19 अगस्त, 2002 को केन्द्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचना नंबर 26011/4/98 के तहत पंजीकृत हैं, उन्हें ‘विदेशी भारतीय नागरिक कार्डधारक’ माना जाएगा।
कैसे बनेगा NRI का आधार कार्ड
आधार कार्ड के लिए NRI ( aadhar card for nri ) को वही दस्तावेज देने की जरूरत होगी जो एक भारतीय नागरिक को देने पड़ते हैं। बता दें कि आधार कार्ड बनाने वाले हर व्यक्ति को कार्ड बनवाते समय फिजिकली मौजूद रहना होता है। जिसके बाद व्यक्ति के फिंगरप्रिंट और रेटिना को स्कैन करके आधार कार्ड के डाटा को एनरोल किया जाता है।यह भी पढ़ें-
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