नई दिल्लीPublished: Feb 18, 2021 03:17:14 pm
विकास गुप्ता
- 1.2 अरब डॉलर का टैक्स विवाद मामला: कंपनी ने भारत पर दबाव बनाने के लिए अमरीकी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में दर्ज कराया केस, वोडाफोन मामले के बाद भारत सरकार की दूसरी हार ।
- अंतरराष्ट्रीय आर्बिट्रेशन ट्रिब्यूनल दे चुका है कंपनी के पक्ष में फैसला।
- सदस्यों का ट्रिब्यूनल, एक की नियुक्ति भारत सरकार ने की।
- 10,247 करोड़ की टैक्स डिमांड को गलत बताया।
- 1.6 अरब डॉलर की डिमांड के खिलाफ मामला दायर किया।
नई दिल्ली। ब्रिटेन की कंपनी केयर्न एनर्जी ने 1.2 अरब डॉलर के टैक्स विवाद मामले में भारत पर दबाव बनाने के लिए एक अमरीकी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में केस दर्ज कराया है। ये टैक्स विवाद का मामला मध्यस्थता (आर्बिट्रेशन) से जुड़ा है, जिसमें केयर्न की जीत हुई थी। केयर्न ने भारत को इस मामले में विदेशी संपत्ति जब्त करने की चेतावनी भी दी है। अगर मामले का जल्द हल नहीं निकला, तो केयर्न द्वारा कुल 1.4 अरब डॉलर के भारतीय बैंक खाते, हवाई जहाज और अन्य विदेशी संपत्तियों को जब्त करने की आशंका है। ब्रिटिश फर्म ने उन विदेशी भारतीय संपत्ति की पहचान करना शुरू कर दिया है, जिन्हें जब्त किया जा सकता है। दरअसल, पिछले साल दिसंबर में अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता ट्रिब्यूनल ने 1.2 अरब डॉलर का ये मामला केयर्न के पक्ष में दिया था। 1.2 अरब डॉलर के साथ ब्याज और लागत भी शामिल होगी, जिसकी कुल राशि 1.4 अरब डॉलर है। ट्रिब्यूनल ने कहा है कि भारत भुगतान के लिए उत्तरदायी है।