दूसरी बार बढ़ाई गई तिथि
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने एक बयान जारी कर कहा, कि अलग-अलग जगहों से पत्र मिले हैं। जिसमें तिथि बढ़ाने की अपील की गई थी। इसके बाद इस पर विचार करते हुए सीबीडीटी ने आयकर रिटर्न के साथ आडिट रिपोर्ट जमा करने की अंतिम तारीख 15 अक्टूबर से बढ़ाकर 31 अक्टूबर 2018 कर दी है। बोर्ड के अनुसार जो करदाता आयकर रिटर्न बढ़ी हुई समयसीमा के भीतर दाखिल करते हैं, उन पर आयकर कानून 1961 की धारा 234ए के प्रावधानों के तहत ब्याज देना होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआई से जवाब तलब किया
गौरतलब है कि पिछले दिनों भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआर्इ) ने ब्याज दरों में कोर्इ बदलाव नहीं करने का फैसला लिया था। इसके पहले जून व अगस्त माह में लगातार दो बार 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी के बाद रेपो रेट 6.50 फीसदी पहुंच चुका है। आरबीआर्इ ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी नहीं कर लोगों को राहत दी। लेेकिन इस राहत के बाद भी सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआर्इ से जवाब तलब किया । सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि लंबी अवधि के हाेम लोन की फ्लोटिंग ब्याज दर ज्यादा क्यों है? जबकि पिछले एक साल में ब्याज दरों में कमी है। आपको बता दें कि मनी लाइफ फाउंडेशन की याचिका में सुनवार्इ करते हुए आरबीआर्इ से सवाल किया है।