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केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने आयकर रिटर्न और ऑडिट रिपोर्ट जमा करने की तिथि बढ़ाई

locationनई दिल्लीPublished: Oct 08, 2018 09:53:02 pm

Submitted by:

Prashant Jha

गौरतलब है कि 15 दिन के भीतर सरकार ने दूसरी बार आयकर रिटर्न, आडिट रिपोर्ट जमा करने की समय सीमा बढ़ाने का ऐलान किया।

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केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने आयकर रिटर्न और ऑडिट रिपोर्ट जमा करने की तिथि बढ़ाई

नई दिल्ली: केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने करदाताओं को राहत दी। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने आयकर रिटर्न भरने की तिथि बढ़ा दी है। प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने वित्त वर्ष 2017-18 के लिए आयकर रिटर्न और ऑडिट रिपोर्ट जमा करने की समय सीमा 15 दिन आगे बढ़ाकर 31 अक्टूबर कर दी है। समय सीमा में यह बढ़ोतरी बताई गई श्रेणी के करदाताओं के लिए की गई है। गौरतलब है कि 15 दिन के भीतर सरकार ने दूसरी बार समय सीमा बढ़ाने का ऐलान किया है। इससे पहले सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स विभाग ने आयकर रिटर्न के लिए 15 दिनों का समय बढ़ाया था। 30 सितंबर से 15 अक्टूबर कर दिया गया था। अब 15 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक कर दिया गया है।
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दूसरी बार बढ़ाई गई तिथि

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने एक बयान जारी कर कहा, कि अलग-अलग जगहों से पत्र मिले हैं। जिसमें तिथि बढ़ाने की अपील की गई थी। इसके बाद इस पर विचार करते हुए सीबीडीटी ने आयकर रिटर्न के साथ आडिट रिपोर्ट जमा करने की अंतिम तारीख 15 अक्टूबर से बढ़ाकर 31 अक्टूबर 2018 कर दी है। बोर्ड के अनुसार जो करदाता आयकर रिटर्न बढ़ी हुई समयसीमा के भीतर दाखिल करते हैं, उन पर आयकर कानून 1961 की धारा 234ए के प्रावधानों के तहत ब्याज देना होगा।

सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआई से जवाब तलब किया

गौरतलब है कि पिछले दिनों भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआर्इ) ने ब्याज दरों में कोर्इ बदलाव नहीं करने का फैसला लिया था। इसके पहले जून व अगस्त माह में लगातार दो बार 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी के बाद रेपो रेट 6.50 फीसदी पहुंच चुका है। आरबीआर्इ ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी नहीं कर लोगों को राहत दी। लेेकिन इस राहत के बाद भी सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआर्इ से जवाब तलब किया । सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि लंबी अवधि के हाेम लोन की फ्लोटिंग ब्‍याज दर ज्यादा क्‍यों है? जबकि पिछले एक साल में ब्याज दरों में कमी है। आपको बता दें कि मनी लाइफ फाउंडेशन की याचिका में सुनवार्इ करते हुए आरबीआर्इ से सवाल किया है।

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