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भारतीय दवा निर्माता कंपनी की शिकायत के बाद चीनी दवाओं पर भारत सरकार ने लिया बड़ा फैसला

locationनई दिल्लीPublished: Aug 19, 2022 04:03:42 pm

Submitted by:

Archana Keshri

घरेलू कंपनी ने चीन द्वारा दवा को डंपिंग मूल्य पर भेजने की शिकायत की थी और जांच की मांग की थी। DGTR ने शिकायत मिलने के बाद इस विषय की जांच की। जांच में आरोपों को सहीं पाया गया, जिसके बाद केंद्र सरकार ने चीनी दवाओं को लेकर बड़ा फैसाल लिया।

Commerce ministry recommends imposing anti-dumping duty on Chinese medicine

Commerce ministry recommends imposing anti-dumping duty on Chinese medicine

कुछ महीनों पहले सस्‍ते उत्‍पादों के आयात को रोकने और भारत में बने प्रोडक्‍ट को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने चीनी सामानों पर एंटी-डंपिंग शुल्‍क लगाया था। अब सरकार ने घरेलू कंपनियों को नुकसान पहुंचाने वाली चीन की कंपनियों की योजना के खिलाफ कार्रवाई की है। केंद्र की सरकार के वाणिज्य मंत्रालय ने घरेलू दवा कंपनियों के भलाई और उनकी रक्षा के लिए विभिन्न प्रकार के संक्रमणों के उपचार में उपयोग की जाने वाली चीन निर्मित एंटीबायटिक दवा ‘ऑफ्लॉक्सासिन’ (Ofloxacin) पर 5 साल के लिए डंपिंग रोधी शुल्क (Anti-dumping duty) लगाने की अनुशंसा की है।
 


घरेलू कंपनियों ने चीन से आने वाली दवाओं को लेकर शिकायत की थी जिसपर सरकार ने कार्रवाई की थी। शिकायत करने वाली कंपनी आरती ड्रग्स लिमिटेड ने आरोप लगाया की चीन द्वारा दवा को डंपिंद मुल्य पर भेजा जा रहा है। शिकायत के बाद डायरेक्टरेट जनरल ऑफ ट्रेड रेमेडीज (DGTR) ने अपनी जांच में पाया कि चीन से इस दवा को भारत में डंपिंग मूल्य पर भेजा जाता है जिससे घरेलू उद्योग प्रभावित होता है। इसके बाद DGTR ने शुक्रवार को केंद्र सरकार से ऑफ्लॉक्सासिन पर 5 साल के लिए डंपिंग रोधी शुल्क लगाने की सिफारिश की।
 


DGTR मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अंतर्गत आता है, जो डंपिंग रोधी शुल्क लगाने की सिफारिश करता है। DGTR की सिफारिशों को लागू करने का फैसला केंद्रीय वित्त मंत्रालय को तीन महीने के अंदर करना होता है। निदेशालय ने अधिसूचना में कहा, “प्राधिकार 5 वर्ष की अवधि के लिए इस उत्पाद पर डंपिंग रोधी शुल्क लगाने की अनुशंसा करता है।” दवा पर ड्यूटी 0.53 डॉलर प्रति किलो ग्राम से 7 डॉलर प्रति किलोग्राम तक की ड्यूटी लगाने की सिफारिश की गई है। माना जा रहा है कि इस कदम से घरेलू फार्मा इंडस्ट्री को फायदा मिलेगा। ड्यूटी को लेकर अंतिम फैसला वित्त मंत्रालय लेगा।
 


ये दवा ब्रोंकाइटिस, न्यूमोनिया, त्वचा के इंफेक्शन सहित कई अन्य इंफेक्शन के इलाज में इस्तेमाल होती है।

 


घरेलू बाजार को सस्‍ते विदेशी प्रोडक्‍ट से बचाने के लिए एंटी-डंपिंग शुल्‍क लगाया जाता है। जब कोई देश किसी उत्‍पाद को उसकी कीमत से भी कम कीमत पर निर्यात करता है तो उसे डंपिंग कहते हैं। इस डंपिंग से जिस देश में निर्यात किया जा रहा है, वहां बनने वाले प्रोडक्‍ट्स की कीमत पर असर पड़ता है।वहां की कंपनियों का मुनाफा प्रभावित होता है।

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