डीजल है महंगाई कम करने का फार्मूला
एजेंल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट अनुज गुप्ता का कहना है कि देश में पिछले कुछ दिनों से पेट्रोल और डीजल की कीमतों के बदलाव का ट्रेंड देखने को मिल रहा है उसका सीधा मतलब यही निकाला जा सकता है कि देश में महंगाई को कंट्रोल करने के लिए ऐसा किया जा रहा है। देश में चुनाव शुरू होने वाले हैं। अगर देश में महंगाई बढ़ेगी तो चुनावों में देश के लोगों को नया मुद्दा मिलेगा। उन्होंने आगे कहा कि डीजल की कीमत को कम करके पेट्रोल के दाम को बढ़ाया जा रहा है। पेट्रोल का असर उत्पादों की कीमतों पर नहीं पड़ता है। लेकिन डीजल के दाम बढऩे से देश के उत्पादों की कीमतों पर डायरेक्ट असर पड़ता है।
पेट्रोल जितना बढ़ा, डीजल उतना कम हुआ
आईओसीएल से मिली जानकारी के अनुसार देश की राजधानी में पेट्रोल के दाम में 46 पैसे प्रति लीटर की कटौती हुई है। जबकि डीजल की कीमत में 47 पैसे प्रति लीटर दाम कम हुए हैं। यह दाम 8 मार्च से 17 मार्च तक के बीच का आंकड़ा है। आठ मार्च को नई दिल्ली में पेट्रोल के दाम 72.24 रुपए प्रति लीटर था। जबकि आठ मार्च को डीजल के दाम 67.54 रुपए प्रति लीटर थे। अगर 17 मार्च के पेट्रोल की कीमत की बात करें तो 72.71 रुपए प्रति लीटर है। वहीं डीजल के दाम 67.08 रुपए प्रति लीटर है।
यह आए थे महंगाई के आंकड़े
गुरुवार को सरकार की ओर से फरवरी माह की थोक महंगाई के आंकड़े जारी किए थे। आंकड़ों के अनुसार ईंधन, बिजली एवं प्राथमिक वस्तुओं की कीमतें बढऩे से फरवरी महीने में थोक महंगाई दर बढ़कर 2.93 फीसदी पर पहुंच गई थी। वहीं इससे दो दिन पहले खुदरा महंगाई दर के आंकड़ों को जारी किया गया था। फरवरी में खुदरा महंगाई बढ़कर 2.57 फीसदी पर पहुंच गई। जनवरी में यह 1.97 फीसदी थी।औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर जनवरी में घटकर 1.7 फीसदी हो गई थी। एक साल पहले समान महीने में यह 7.5 फीसदी थी।