17 राज्यों में फैली दवा कंपनियों ने 171 मामलों में डॉक्टरों को दिए गए उपहारों, उनकी यात्राओं के दौरान किए गए खर्च को बिक्री प्रोत्साहन योजना मद में दिखाकर आयकर विभाग से 741.24 करोड़ की कर छूट ली है।
भारत में डॉक्टरों के हनीमून पर आयकर छूट हासिल की जा रही है। देश के 17 राज्यों में फैली दवा कंपनियों ने 171 मामलों में डॉक्टरों को दिए गए उपहारों, उनकी देश विदेश की यात्राओं के दौरान किए गए खर्च को बिक्री प्रोत्साहन योजना मद में दिखाकर आयकर विभाग से 741.24 करोड़ की कर छूट ली है।
गैरकानूनी है ऐसी छूट
दवा कंपनियों और डॉक्टरों का गठबंधन तोडऩे के लिए भारतीय चिकित्सा परिषद ने वर्ष 2002 में दवा कंपनियों की ओर से डॉक्टरों को दिए जाने वाले तमाम तरह के उपहार पर रोक लगा दी थी। 10 दिसंबर 2009 को डॉक्टरों की प्रायोजित यात्राओं को गैरकानूनी घोषित कर दिया था।
इस बीच केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने भी डॉक्टरों पर खर्च को बिक्री प्रोत्साहन बताकर आयकर छूट पर पर रोक लगा दी। हिमाचल हाईकोर्ट भी इस रोक को सही ठहरा चुका है।
जांच से हुआ खुलासा
हाल ही संसद में पेश की गई नियंत्रक एवं महा लेखापरीक्षक (कैग) की रिपोर्ट के अनुसार, सीबीडीटी के अधीन कार्यरत आयकर विभाग के खातों की जांच के दौरान यह पाया गया कि 17 राज्यों की दवा निर्माता कंपनियों ने 171 मामलों में डॉक्टरों की पत्ïनी सहित पर्यटन स्थलों की यात्राओं, दिए गए उपहार, उपयोगी वस्तुएं, सालाना समारोह, होटल इत्यादि की बुकिंग के साथ-साथ सतत चिकित्सा शिक्षा कार्यक्रमों पर हुए खर्च को बिक्री प्रोत्साहन मद में दिखाकर 714.24 करोड़ की आयकर छूट ली।
मजे की बात ये कि पत्नी सहित यात्रा के अधिकतर मामले गुजरात और महाराष्ट्र की कंपनियों के हैं। कैग ने इस मामले में आयकर अधिकारियों को भी दोषी बताया है।
सूची मंगाएगी परिषद
भारतीय चिकित्सा परिषद की अध्यक्ष डॉक्टर जयश्री मेहता ने बताया कि डॉक्टरों को उपहार और यात्रा खर्च देना गैरकानूनी है। परिषद ऐसे लाभान्वित डॉक्टरों की सूची मंगाकर कार्रवाई करेगी।