ED ने अपने बयान में कहा, “करीब 5551 करोड़ रुपये कंपनी के बैंक से जब्त किये गए हैं।” फिलहाल कंपनी के प्रवक्ता से कोई बातचीत सामने नहीं आई है। दरअसल, ईडी ने इस साल फरवरी में कंपनी द्वारा मुद्रा प्रबंधन कानून (FEMA) के उल्लंघन से जुड़े आरोपों की जांच शुरू की थी। प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार, Xiaomi ने 2014 में भारत में अपना परिचालन शुरू किया था और 2015 से पैसा भेजना शुरू किया।
प्रवर्तन निदेशालय के बयान के अनुसार, “कंपनी ने तीन विदेशी-आधारित संस्थाओं को 5,551.27 करोड़ रुपये भेजे हैं और ये रॉयल्टी की आड़ में ये पैसे भेजे हैं। रॉयल्टी के नाम पर Xiami की भारतीय यूनिट ने इतनी बड़ी राशि उनके चीनी मूल समूह संस्थाओं के निर्देशों पर भेजे जाते थे। इनमें से एक विदेशी कंपनी Xiaomi ग्रुप की है जबकि बाकी 2 कंपनियां अमेरिका की हैं।
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SBI कस्टमर ध्यान दे, इन नंबरों की कॉल न उठाएं नही तो हो जाएगा बड़ा नुकसान ED ने जानकारी दी है कि Xiaomi की भारतीय इकाई ने इन तीनों कंपनियों को पैसे ट्रांसफ़र किये लेकिन तीनों से इसने कोई सर्विस नहीं ली। फर्जी दस्तावेज बनवाकर कंपनी ने रॉयल्टी के नाम पर जो पैसे भेजे वो FEMA की धारा-4 का उल्लंघन है।
बता दें कि ED को इसी महीने Xiaomi के पूर्व इंडिया हेड मनु कुमार जैन को समन किया था। गौरतलब है कि Xiaomi India, MI के ब्रांड नाम के तहत भारत में मोबाइल का कारोबार शुरू किया था। ये भारत में मोबाइल फोन बनाने वाली कंपनियों द्वारा बनाए गए हैंडसेट की खरीद करती है।