सरकारी कर्मचारियों के लिए अगले कुछ माह में अच्छी खबर आ सकती है। सूत्रों के मुताबिक उन्हें मिलने वाले स्वास्थ्य बीमा की अनिवार्यता खत्म हो सकती है।
सरकारी कर्मचारियों के लिए अगले कुछ माह में अच्छी खबर आ सकती है। सूत्रों के मुताबिक उन्हें मिलने वाले स्वास्थ्य बीमा की अनिवार्यता खत्म हो सकती है।
यदि ऐसा हुआ तो कर्मियों की इन हैंड सैलरी में इजाफा होगा, क्योंकि स्वास्थ्य बीमा की रकम के तौर पर कुल वेतन में से करीब 6.5 प्रतिशत की कटौती हो जाती है। इस व्यवस्था को कर्मचारियों के लिए वैकल्पिक रखा जाएगा।
सरकार ने सोमवार को कर्मचारी राज्य बीमा निगम के साथ बैठक बुलाई। इसमें इस मुद्दे पर चर्चा हुई। ईएसआई अधिनियम-1948 में संशोधन पर भी विचार विमर्श चल रहा है।
मंत्री ने दिए थे संकेत
फरवरी में आम बजट पेश करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी कर्मचारियों को स्वास्थ्य बीमा के चुनाव में स्वतंत्रता देने की सरकार की मंशा प्रकट की थी। अब सरकार इस पर जल्द से जल्द अमल करने की दिशा में दिख रही है।
ईएसआईसी से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि सरकार की तरफ से बैठक की सूचना दो अप्रेल को ही जारी कर दी गई थी, मगर कुछ सार्वजनिक अवकाश पडऩे के कारण इसमें विलंब हो गया।
अभी यह है नियम
नियोक्ता कर्मचारी के कुल वेतन का 4.75 प्रतिशत ईएसआईसी स्कीम में जमा करेगा। कर्मचारी भी इसमें 1.75 प्रतिशत के प्रीमियम का भुगतान करेगा। इससे कर्मचारी को देश में ईएसआईसी से जुड़े 151 अस्पतालों और 1,380 दवाखानों में इलाज में रियायत मिलेगी।