मंत्रालय ने बताया कि कुल 14.81 लाख नए सदस्यों में से लगभग 9.19 लाख सदस्य पहली बार ईपीएफओ के सामाजिक सुरक्षा दायरे में आए हैं। इस दौरान शुद्ध रूप से 5.62 लाख सदस्य ईपीएफओ से बाहर निकले और उसके बाद फिर इसमें शामिल हुए। इससे पता चलता है कि ज्यादातर सदस्यों ने ईपीएफओ के साथ अपनी सदस्यता को जारी रखने का फैसला किया है।
आयु के हिसाब से: आयु के हिसाब से देखा जाए, तो अगस्त में 22 से 25 साल की आयुवर्ग में सबसे अधिक 4.03 लाख नामांकन हुए। वहीं 18 से 21 की आयुवर्ग में 3.25 लाख नामांकन हुए। इन आंकड़ों से पता चलता है कि पहली बार नौकरी पाने वाले बड़ी संख्या में संगठित क्षेत्र के कार्यबल में शामिल हो रहे हैं। अगस्त माह में ईपीएफओ से जुड़ने वाले नए सदस्यों इनका योगदान लगभग 49.18 प्रतिशत का है।
कौनसा राज्य रहा सबसे आगे: राज्यवार तुलना के अनुसार महाराष्ट्र, हरियाणा, गुजरात, तमिलनाडु और कर्नाटक के प्रतिष्ठान इसमें आगे रहे। इन राज्यों में सभी आयुवर्ग में ईपीएफओ सदस्यों की संख्या में 8.95 लाख का इजाफा हुआ, जो कुल वद्धि के आंकड़े का 60.45 प्रतिशत है।