सभा को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि नोटबंदी के बाद जीएसटी व्यवस्था लागू होने से अब नकदी पैदा कर पाना बहुत कठिन होगा, तो वहीं इसके जरिए अधिक अनुपालन और डिजिटीकरण के उद्देश्य पूरे होंगे। उनका कहना कि नोटबंदी और जीएसटी के लागू होने के से डिजिटल भुगतान में वृद्धि हुई है और प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों करों की वसूली के अधिक करदाता आधार पैदा हुआ है।
इस दौरान जेटली ने कहा कि 500 और 1000 रुपए के नोटों को चलन से बाहर किए जाने फैसले के कारण लगभग 15 लाख करोड़ रुपए मूल्य के पुराने नोट इस सिस्टम से बाहर हो गए हैं। तो वहीं नोटबंदी का फैसला कालेधन रखने वालों पर सख्त कार्यवाई के मकसद से उठाया गया। उन्होंने कहा कि डिजिटीकरण में वृद्धि के संकेत दिखने लगे हैं, क्योंकि प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करदाता आधार बढ़ा है।
जेटली ने कहा कि इसके अतिरिक्त तीन कदमों के जरिए व्यवस्था में मौजूद काले धन पर हमला किया गया है। इन कदमों में विदेशों में काला धन रखने वालों को दंडित करना, बेनामी संपत्ति कानून और दिवालियापन एवं दिवालिया संहिता शामिल हैं।