वित्त मंत्रालय की ओर से दिए गए एक बयान में ये कहा गया है, NMP चार साल की एक पाइपलाइन है। इसमें केंद्र सरकार के ब्राउनफील्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर एसेट्स को शामिल किया जाएगा। निवेशकों को आगे की दृष्टि प्रदान करने के अलावा, एनएमपी सरकार की संपत्ति के मौद्रिकरण की पहल के लिए मध्यम अवधि की रूपरेखा के रूप में भी काम करेगी।
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वित्त मंत्रालय ने Infosys के CEO को भेजा समन, आयकर वेबसाइट में तकनीकी दिक्कत को लेकर आई शिकायतें निवेशकों को नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन (NMP) की मदद से किसी प्रोजेक्ट के बारे में साफ तस्वीर मिल सकेगी। साथ ही इस पाइपलाइन से संपत्तियों की बिक्री को लेकर सरकार का एक मध्यम अवधि का रोडमैप बनकर तैयार हो होगा।
बजट में की थी घोषणा
केंद्र सरकार ने वर्ष 2021-22 के बजट में एसेट मोनेटाइजेशन पर काफी जोर देने की घोषणा की थी। दरअसल कोरोना संकट के चलते सरकार पैसे की तंगी से जूझ रही है, ऐसे में मोदी सरकार देश में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के प्रोजेक्ट के लिए फाइनेंस जुटाने के नए नए रास्ते तलाश रही है।
6 लाख करोड़ जुटाने की प्लानिंग
राष्ट्रीय राजमार्ग, पावर ग्रिड पाइपलाइन समेत छह लाख करोड़ रुपए की बुनियादी संपत्तियों के मुद्रीकरण की योजना को मोदी सरकार अंतिम रूप देने में जुटी है। निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने इस महीने की शुरुआत में जानकारी दी थी।
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केंद्र सरकार ने की बड़ी घोषणा, कोरोना काल में नौकरी गंवाने वालों को 2022 तक मिलेगा PFबिजनेसएक दिन पहलेराष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन का विमोचन नीति आयोग के उपाध्यक्ष, डॉ राजीव कुमार, सीईओ, अमिताभ कांत और संबंधित मंत्रालयों के सचिवों की उपस्थिति में किया जाएगा। एनएमपी से जुटाया गया फंड बुनियादी विकास क्षेत्र में लगाया जाएगा।