आर्थिक रूप से ये साल भारत के बहुत ही महत्वपूर्ण रहा है। इस साल फरवरी में भारत ने दुनिया की सबसे तेज बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में चीन को पीछे छोड़ दिया था। अक्टूबर में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने अनुमान लगाया था कि भविष्य में भी भारत इसी गति से आगे बढ़ेगा।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का अनुमान है कि 2017 में भारत की जीडीपी 7.6 प्रतिशत तक बढ़ सकती है। वहीं, कालेधन को खत्म करने के लिए मोदी सरकार ने पुराने नोट बंद करने का बड़ा फैसला लिया। इससे देश की अर्थव्यवस्था को कुछ नुकसान जरूर पहुंच सकता है।
मंदी का लाभ आएमएफ के अनुसार भारत की इकोनोमी को ग्लोबल कमोडिटीज की कीमतों में मंदी आने और उम्मीद से कम मुद्रास्फीति का लाभ मिला। पीएम नरेन्द्र मोदी ने आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिए व्यापक बाजार सुधारों को प्रेरित किया। मोदी सरकार ने कुछ सुधारों के साथ परेशानी भरे फैसले भी लिए।
भारत दुनिया का दूसरी सबसे बड़ी जनसंख्या वाला देश है। लेकिन, यहां 2 से 3 प्रतिशत लोग ही इनकम टैक्स देते हैं। गृह राज्य मंत्री किरन रिजिजू ने कुछ ही दिनों पहले कहा था कि भारत की बड़ी आबादी भी इसका आधार हो सकता है ब्रिटेन ने 2016 में 1.8% ग्रोथ की और 2017 में 1.1% रहने का अनुमान है।