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कंपनी के नियमों पर खरा उतरना जरूरी
यदि हादसा सिलेंडर फटने से हुआ तो आपको 40 लाख रुपये तक की बीमा राशि मिल सकती है। यदि हादसे में किसी की मौत हो जाए तो परिवार को 50 लाख रुपये तक की राशि बीमा कंपनी को देनी पड़ सकती है। इसके लिए कंपनी के नियमों पर खरा उतरना जरूरी है। हालांकि बीमा राशि दुर्घटना का आंकलन करने के बाद ही तय होती है। उपभोक्ताओं को अलग से बीमा कराने की जरूरत नहीं होती है। गैस कनेक्शन लेते ही आप बीमा धारक बन जाते हैं। लेकिन जानकारी नहीं होने के कारण लोग इस योजना का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं।
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कैसे करें बीमा क्लेम
बीमा क्लेम करने के लिए हादसे के 30 दिन के अंदर ग्राहक को इसकी सूचना पुलिस स्टेशन और एलपीजी वितरक को देनी होती है। बीमा रकम का दावा करने के लिए एफआईआर की कॉपी, घायलों के इलाज के खर्च का बिल और किसी की मृत्यु होने पर उसकी रिपोर्ट संभालकर रखनी चाहिए। सूचना दिए जाने के बाद संबंधित अधिकारी हादसों के कारणों की जांच करता है। अगर दुर्घटना एलपीजी की वजह से हुई है, तो वितरक गैस कंपनी को इसकी जानकारी देता है।
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बीमा राशि के दावे के लिए यह जरूरी
यदि दुर्घटना होती है तो बीमा राशि का दावा करने के लिए इन बातों का होना जरूरी है। उपभोक्ता की ओर से एलपीजी कनेक्शन जिस पते पर लिया गया है। उसी पते पर सिलेंडर फटने से दुर्घटना होना जरूरी है। उपभोक्ता दुर्घटना के समय रेगुलेटर व अन्य सामान संबंधित एजेंसी का ही इस्तेमाल कर रहा हो और वह आइएसआइ मार्का हो। बाजार से खरीदा गया सामान इस्तेमाल करने पर बीमे का लाभ नहीं मिलेगा।