वैश्विक स्तर पर पीली धातु के तीन सप्ताह के निचले स्तर तक लुढ़कने से शनिवार को दिल्ली सर्राफा बाजार में इस पर दबाव रहा। हालांकि, सरकार द्वारा आयात शुल्क मूल्य में बढ़ोतरी से स्थानीय बाजार में सोने की गिरावट मामूली रही, जबकि चांदी 140 रुपए चढ़कर 36770 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई। सोना स्टैंडर्ड लगातार तीसरे दिन फिसलाता हुआ 10 रुपए नीचे 26810 रुपए प्रति दस ग्राम पर आ गया। यह 13 अक्टूबर के बाद का इसका निचला स्तर है। सोना बिटुर भी इतनी ही गिरावट के साथ 26670 रुपए प्रति दस ग्राम बोला गया। आठ ग्राम वाली गिन्नी में कोई बदलाव नहीं हुआ और यह 36770 रुपए पर रहा। लंदन और न्यूयॉर्क से मिली जानकारी के अनुसार, शुक्रवार को कारोबार के दौरान 09 अक्टूबर के बाद के निचले स्तर1139.11 डॉलर प्रति औंस तक उतरने के बाद सोना हाजिर 1141.9 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ। दिसंबर का अमेरिकी सोना वायदा भी 5.6 डॉलर टूटकर 1141.7 डॉलर प्रति औंस पर आ गया। बाजार विश्लेषकों ने बताया कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा दिसंबर में ब्याज दरों में बढ़ोतरी के स्पष्ट संकेत देने के बाद सोना लगातार दबाव में है। इसलिए इसमें गिरावट देखी जा रही है। विदेशी बाजारों में चांदी हाजिर कल 0.2 डॉलर फिसलकर 15.53 डॉलर प्रति औंस बोली गर्ई। सोने के विपरीत कल की बड़ी गिरावट के बाद चांदी हाजिर 140 रुपए चढ़कर 36770 रुपए प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई। वहीं, चांदी वायदा की चमक फीकी पड़ गई और यह 60 रुपए उतरकर 36490 रुपए प्रति किलोग्राम बोली गई। सिक्कों में कोई बदलाव नहीं हुआ। सिक्का लिवाली 51 हजार और सिक्का बिकवाली 52 हजार रुपए प्रति सैकड़ा पर टिके रहे। कारोबारियों ने बताया कि वैश्विक दबाव के बावजूद सरकार द्वारा शुक्रवार को दोनों कीमती धातुओं के आयात शुल्क मूल्य में बढ़ोतरी ने इन्हें संभाल लिया। साने का आयात शुल्क मूल्य (टैरिफ वैल्यू) पांच डॉलर प्रति दस ग्राम और चांदी का 43 डॉलर प्रति किलोग्राम बढ़ाया गया है। उनके अनुसार, बाजार में त्योहारी मांग नहीं है और कीमतें पूरी तरह अंतर्राष्ट्रीय कारकों और सरकारी शुल्क से तय हो रही हैं। इसके अलावा डॉलर के मुकाबले रुपए की कीमत का भी असर देखा जा रहा है।