वन रैंक वन पेंशन पर सरकार ने किया 35 हजार करोड़ खर्च
कार्यवाहक वित्त मंत्री ने बजट पेश करने के दौरान सदन को बताया, “हमारे सैनिक सीमाआें पर देश की रक्षा करते हैं। इसपर हमें गर्व है। हमारे सैनिक हमारा सम्मान हैं। अब सैन्य सीमाआें को पहले के अपेक्षा आैर सुरक्षित बनाने के लिए बजट में 3 लाख करोड़ रुपए का आवंटन किया है। यह अब तक का सर्वाधिक रक्षा बजट है। भविष्य में रक्षा के लिए अतिरिक् बजट की आवश्यकता होती है इसे भी हम मुहैया कराएंगे।” बजट पेश करते वित्त मंत्री ने वन रैंक वन पेंशन को लेकर एेलान किया। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने अब वन रैंक वन पेंशन के लिए 35,000 करोड़ रुपए से अधिक का वितरण कर चुकी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने अोआरआेपी के वादे को तीन बार बजट में रखा। लेकिन इसे हमने ही लागू किया।
अन्य देशों में बढ़ रहा है रक्षा बजट
पिछले साल बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2.95 लाख करोड़ रुपए का आवंटन किया था। जेटली का यह बजट वित्त वर्ष 2018-19 भारत की जीडीपी का 1.58 फीसदी था। ध्यान देने वाली बात है कि अन्य देशाें में भी रक्षा बजट पर अधिक से अधिक खर्च किया जा रहा है। अमरीका अपनी जीडीपी का 4 फीसदी, रूस 4.5 फीसदी, इजरायल 5.2 फीसदी, चीन 2.5 फीसदी आैर पड़ोसी देश पाकिस्तान अपने बजट का 3.5 फीसदी रक्षा बजट के तौर पर खर्च करता है।
सरकार ने इन घोषणाआें पर भी दिया ध्यान
अंतरिम बजट में सरकार ने सैनिकों एवं सीमा सुरक्षाअों के अतिरिक्त किसानों के लिए भी कर्इ एेलान किया। साथ ही 5 लाख रुपए तक सालान कमार्इ करने वाले सैलरीड क्लास के लिए भी सरकार ने टैक्स से पूरी तरह से राहत दे दी है। साथ ही सरकार ने 6.5 लाख रुपए तक निवेश के जरिए बचत पर भी टैक्स से राहत दी है। सरकार ने मजदूरों को भी पेंशन देने का एेलान किया हैं इस योजना के तहत 60 सरल के मजदूरों को कम से कम 3 हजार रुपए की पेंशन देगी। सरकार की इस योजना से देश के करीब
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