प्रवासी मजदूरों की इन्हीं परेशानियों पर नजर रखते हुए अब सरकार ने मजदूरों की सुरक्षा को लेकर नए नियम बनाए हैं। जिसके तहत अब प्रवासी मजदूरों को कई तरह के फायदे मिल सकते है। जो भी मजदूर जिस किसी भी कंपंनी में काम करते है उनके प्रति अब कंपनी की जिम्मेदारी होगी कि साल में एक बार उन कामगारों को घर जाने का किराया दे।
मजदूरों के यही हालात को देखकर उनके किराये को लेकर भी काफी लंबी बहस छिड़ी थी. हालांकि केंद्र सरकार के लेबर कोड बिल को सदन से मंजूरी मिल गई है. जिसके जरिए अब यह निश्चित कर दिया गया है कि अब प्रवासी मजदूरों को साल में एक बार अपने घर जाने के लिए कंपनी की तरफ से यात्रा भत्ता मिलेगा।
मतलब अब साफ है कि अब साल में एक बार मजदूर अपने घर जा सकते है जिसके लिए कपंनी उनके घर जाने की टिकट का खर्च खुद से उठाएगी। मजदूरों को टिकिट का पैसा नही देना पड़ेगा। इतना ही नही इसके अलावा लेबर कोड बिल के नियम के तहत कंपनी अपने कामगारों का हेल्थ चेकअप भी करवाएगी। इस नियम के मुताबिक कम उम्र से अधिक आयु वाले कामगारों के लिए साल में एक बार निःशुल्क चिकित्सा जांच कराना अनिवार्य है। इसके साथ ही कामगारों को नियुक्ति पत्र देना भी अनिवार्य है। ये नियम मजदूरों के लिए पहली बार लागू किए जा रहे है।