ट्वीट कर दी जानकारी
दरअसल, हाल ही के दिनों में कर्इ रिपोर्ट में दावा किया गया है केंद्र सरकार आरबीआर्इ बैलेंस शीट से 3.6 लाख करोड़ रुपए की पूंजी की मांग की है। लेकिन शुक्रवार को वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा कि एेसा कुछ नहीं है। सरकार केवल आर्थिक पूंजी फ्रेमवर्क का रिव्यू करना चाहती है जो कि आरबीआर्इ द्वारा अपनाया गया है। सुभाष चंद्र ने यह बात लगातार तीन ट्वीट में कहा है। बता दें कि इस फ्रेमवर्क में केंद्रीय बैंक द्वारा किसी भी आकस्मिक मौके पर इस्तेमाल होने वाले व रिवैल्यूएशन रिजर्व को तय करती है।
क्या है सरकार की मंशा
हालांकि गर्ग ने इस बात का जिक्र नहीं किया कि आर्थिक पूंजी फ्रेमवर्क की रिव्यू के लिए सरकार आरबीआर्इ से बात करेगी या फिर सरकार सीधे आरबीआर्इ से इसके बारे में जानकारी तलब करेगी। बता दें कि 2015-16 वार्षिक रिपोर्ट में सरकार ने इस फ्रेमवर्क को लेकर कहा था कि उसकी मंशा पर्याप्त वित्तीय लचीलता लाना है। इसके मापने के लिए सरकार ने जो फाॅर्मूला तय किया थ वो ‘जोखिम मूल्य’ के आधार पर तय होगा जबिक अधिकतर केंद्रीय बैंक इसे ‘किसी चुनौती के आधार पर लगने वाले मूल्य’ पर कैलकुलेट करते हैं।
सुभाष चंद्र गर्ग अपने ट्वीट में कहा है, “मीडिया में कर्इ तरह के गलत कयास लगाए जा रहे हैं। सरकार की वित्तीय गणित बिल्कुल ट्रैक पर है। आरबीआर्इ से 3.6 या 1 लाख करोड़ रुपए की पूंजी लेने का कोर्इ प्रस्ताव नहीं है।”