सेंट्रल बोर्ड ऑफ एक्साइज एंड कस्टम्स (सीबीईसी) नई गाइडलाइंस बना रहा है, जिससे बैगेज रूल्स के तहत कस्टम्स पोट्र्स पर केवल व्यक्तिगत इस्तेमाल के लिए महंगी ज्वैलरी लाना आसान हो जाएगा। विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि ‘हम नियमों की समीक्षा कर रहे हैं। हम इस बात को अच्छी तरह से समझते हैं कि कुछ लोग शादियों और कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए ज्वैलरी लेकर आते हैं और उसे वापस भी ले जाते हैं।
ईज ऑफ डूर्इंग बिजनेस प्लान यह पहल सीबीईसी के ईज ऑफ डूर्इंग बिजनेस प्लान का हिस्सा है। सीबीईसी ने कस्टम्स क्लीयरेंस को आसान और इसमें लगने वाले समय को करने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिसमें एजेंसियों की तरफ से की जाने वाली रिस्क-बेस्ड चेकिंग भी शामिल है। पैसेंजर ट्रैफ्रिक के जरिए गोल्ड की तस्करी उस समय बढ़ी, जब इसका आयात घटाने के लिए सरकार ने कस्टम्स ड्यूटी को बढ़ाकर 15 फीसदी कर दिया था। इसके अलावा, सोने की तस्करी रोकने के लिए सुरक्षा जांच को भी काफी सख्त कर दिया गया था।
क्या आती है मुश्किल यात्रियों को पोट्र्स पर काफी मुश्किल भरी प्रक्रिया से गुजरना होता था। उन्हें ज्वैलरी की फोटोग्राफी करानी होती थी और एक अलग काउंटर में इसकी कागजी प्रक्रिया को पूरा करना होता था।
ऐसे मिलेगी राहत कार्ड या ऑनलाइन ड्यूटी भुगतान करने जैसे अलग-अलग विकल्पों पर विचार किया गया है। इसका मतलब यह होगा कि ज्वैलरी के वैल्यूएशन के आधार पर एंट्री पर ड्यूटी का भुगतान किया जा सकता है और व्यक्तिके लौटने पर उसे रिफंड किया जा सकता है। इससे यह पक्का होगा कि अगर ऐसी ज्वैलरी लाई जाती है और उसे वापस नहीं ले जाया जाता है तो उस पर कस्टम ड्यूटी वसूली जा सकेगी। ऑफिसर्स का कहना है कि इस मुद्दे पर जल्द ही अंतिम फैसला लिया जाएगा।