अब जो खबर आ रही है उसके अनुसार कालेधन के खिलाफ अपनी मुहिम को आगे बढ़ाते हुए अब सरकार की निगाह उन कंपनियों पर है जिनपर मनी लॉन्ड्रिंग की गतिविधियों में शामिल होने का शक है।
बताया जा रहा है कि ऐसी कंपनियों की संख्या 6 से 7 लाख हो सकती है। इनमें से अधिकांश कंपनियों की ओर से नोटबंदी के दौरान बड़े पैमाने पर लेन-देन किया गया। अंग्रेजी अखबार का दावा
एक अंग्रेजी अखबार में प्रकाशित खबर के मुताबिक देश में करीब 15 लाख रजिस्टर्ड कंपनियां हैं, जिनमें से 40 फीसद फर्म्स संदेह के दायरे में हैं। केंद्र सरकार ने ऐसी कंपनियों की जांच के लिए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड समेत कई एजेंसियों की जिम्मेदारी दी है।
नोटंबदी की घटना देश में 8 नवंबर को नोटबंदी का ऐलान हुआ था। इस ऐलान में 500 औऱ 1000 रुपए कु पुराने नोटों पर बैन लगा दिया था। सरकार ने इसके बाद 30 दिसंबर तक नागरिकों और कंपनियों को 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को बैंकों में जमा कराने का वक्त दिया गया था।