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राज्यों का कहना है कि जीएसटी के तहत पेट्रोल-डीजल पर फैसला करने का यह सही समय नहीं है। राजस्व को लेकर बहुत विचार-विमर्श करना होगा। केन्द्र ने एक देश-एक दाम के तहत पेट्रोल-डीजल, नेचुरल गैस व एविएशन टर्बाइन फ्यूल को जीएसटी के दायरे में लाने पर विचार किया था। पेट्रोल कई राज्यों में सौ रुपए के पार बिक रहा है। इसमें से करीब 60 फीसदी टैक्स के रूप में जाता है।केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि पेट्रोल-डीजल का मुद्दा केरल हाई कोर्ट के ऑर्डर पर बैठक के एजेंडे में आया। बैठक में तय हुआ कि काउंसिल को यह बात केरल हाई कोर्ट को बतानी चाहिए कि इस मामले पर चर्चा हुई और काउंसिल ने महसूस किया कि पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में लाने का यह सही समय नहीं है।
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महत्वपूर्ण दवाओं पर जीएसटी नहीं स्विगी और जोमैटो के लिए बदला टैक्स का तरीकाजीएसटी काउंसिल की बैठक में ऑनलाइन खाना उपलब्ध करवाने वाली सर्विस प्रोवाइडर्स के लिए भी बदलाव किया गया है। स्विगी और जोमैटो जैसी खाना पहुंचाने वाली सेवाओं के लिए अब ऑडर्स के हिसाब से कर वसूली होगी। पुराने टैक्स में कोई बदलाव नहीं किया गया है। तरीका बदलकर टैक्स लिया जाएगा। रेस्टोरेंट्स से टैक्स लेने की जगह जो सेवा प्रदाता है, अब वह टैक्स देगा।