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GST से बाहर है रेडी टू मूव प्रॉपर्टी, खरीदने का सही मौका

Published: Jul 05, 2017 08:35:00 am

Submitted by:

ghanendra singh

वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) में रियल्टी सेक्टर को अभी बाहर रखा गया है। इसका फायदा रेडी टू मूव प्रॉपर्टी खरीदने वाले खरीदार उठा सकते हैं।

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नई दिल्ली. वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) में रियल्टी सेक्टर को अभी बाहर रखा गया है। इसका फायदा रेडी टू मूव प्रॉपर्टी खरीदने वाले खरीदार उठा सकते हैं। ऐसा इसलिए कि जीएसटी में अंडर कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी पर 18 फीसदी की दर से टैक्स लगाया गया है जबकि रेडी टू मूव बाहर होने से टैक्स में वृद्धि नहीं हुई है। रियल्टी एक्सपर्ट का कहना है कि मौजूदा समय में अंडर कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी के मुकाबले रेडी टू मूव प्रॉपर्टी फायदेमंद हो गई है। हालांकि, सरकार ने अंडर कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी पर मिलने वाले इनपुट टैक्स छूट का लाभ होम बायर्स को पास-ऑन करने को कहा है।

रेडी टू मूव कैसे फायदेमंद
कोचर एंड कोचर के इनडायरेक्ट टैक्स एक्सपर्ट ब्रिजेश वर्मा ने पत्रिका को बताया कि जीएसटी में वैसे प्रोजेक्ट को शामिल नहीं किया गया है जिसका कंप्लीशन सर्टिफिकेट (सीसी) मिल चुका है। ऐसे प्रोजेक्ट पर जीएसटी के तहत टैक्स नहीं लगेगा, वहीं अंडर कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी पर देना होगा। खरीदार इस मौके का फायदा उठा सकते हैं।


कीमतें बढ़ाने पर कर रहें हैं विचार
क्रेडाई (नेशनल) के प्रेसिडेंट मनोज गौड़ ने पत्रिका को बताया कि जीएसटी के बाद रेडी टू मूव प्रॉपर्टी खरीदने का सबसे बढिय़ा मौका है। होम बायर्स को करीब 6 फीसदी की बचत हो रही है। हालांकि, डेवलपर्स को नुकसान होगा क्योंकि इस पर इनपुट क्रेडिट नहीं मिलेगा। इसके चलते आने वाले समय में कीमतों बढ़ाने पर विचार कर सकते हैं। 

इनपुट क्रेडिट का लाभ कब तक 
शरदुल अमरचंद मंगलदास एंड कंपनी के लीगल एक्सपर्ट रुद्र कुमार पांडे ने बताया कि जीएसटी में इनपुट क्रेडिट का लाभ डेवलपर्स को मिलेगा लेकिन होम बायर्स को कब तक पास-ऑन करेंगे यह तय नहीं है। इनपुट क्रेडिट का लाभ होम बायर्स को पास होने में वक्त लगेगा। जबकि बढ़े टैक्स का बोझ खरीदार को अभी से चुकाना होगा। 

अंडर कंस्ट्रक्शन खरीदना हुआ महंगा
रियल एस्टेट एक्सपर्ट प्रदीप मिश्रा ने बताया कि जीएसटी लागू होने से पहले बायर्स, डेवलपर्स को 4.5त्न सर्विस टैक्स देते थे। 1 से 2% वैट और 4 से 7% स्टाम्प ड्यूटी चुकाते थे। बायर्स को लगभग 11.5% टैक्स देना होता था लेकिन अब जीएसटी के बाद करीब 12% टैक्स देना होगा। रजिस्ट्री में पहले जैसा 6% स्टाम्प ड्यूटी देना होगा। इस तरह बायर्स को कुल 18% टैक्स, जो लगभग 6.5% अधिक होगा। 

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