मौजूदा समय में सिर्फ कैश अकाउंट पर मूल्य वर्धित कर (वैट) लगता है। ऐसे में उपभोक्ता उपयोग की वस्तुएं और इलेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्री को झटका लग सकता है। गौरतलब है कि अभी तक इलेक्ट्रॉनिक समान खरीदने पर ग्राहकों को एक्सचेंज ऑफर आसानी से मिल जाता था। इन ऑफर के चलते ग्राहक अपने पुराने इलेक्ट्रॉनिक सामान के बदले कुछ डिस्काउंट लेकर सस्ते में खरीदारी कर लेते थे, लेकिन 1 जुलाई 2017 से जीएसटी लागू होने के बाद ऐसा करने में न तो ग्राहकों और न ही दुकानदार को कोई फायदा होगा।
ऐसे समझें… यदि पुराने मोबाइल के बदले नए मोबाइल को 20 हजार रुपए पर बेचा जाता है और उसकी कीमत बिना एक्सचेंज के 24 हजार रुपए है तो नए फोन की ऑपन मार्केट वैल्यू 24 हजार रुपए ही मानी जाएगी। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि इससे कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और इलेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्री पर असर पड़ेगा, जहां टीवी, मोबाइल फोन पर एक्सचेंज ऑफर काफी आम हैं। वर्तमान में सिर्फ कैश अमाउंट से भुगतान करने पर वैट लागू होता है, अदला-बदली की वैल्यू पर नहीं।
इसलिए जरूरी… टीवी, फ्रिज, गीजर, कंप्यूटर, जैसी आम चीजें बनाने वाली कंपनियां ग्राहकों को लुभाने के लिए एक्सचेंज ऑफर लेकर आती हैं। इन ऑफर के तहत ग्राहक के घर में पड़ी पुरानी लेकिन काम कर रही चीजों के बदले कंपनी नए प्रोडक्ट पर डिस्काउंट देती है। इससे ग्राहकों के पैसे तो बचते ही हैं, साथ ही नया प्रोडक्ट घर की शोभा बढ़ाता है।।
5 करोड़ से ज्यादा टैक्स चोरी, गैर जमानती अपराध जीएसटी लागू हो जाने के बाद 5 करोड़ रुपए से अधिक की टैक्स चोरी गैर-जमानती अपराध बन जाएगी और पुलिस आरोपी को बगैर वारंट के गिर तार कर सकेगी। जीएसटी कानून के मुताबिक, यदि टैक्स योग्य वस्तु या टैक्स योग्य सेवाएं, जिनमें टैक्स चोरी की रकम 5 करोड़ रुपए को पार कर जाती है, तो यह गैर-जमानती अपराध होगा।