छोटे कारोबारियों को 350 करोड़ रुपये देगी सरकार, सवा तीन लाख लोगों को पेंशन देने का ऐलान देशवासियों को निर्मला सीतारमण के बजट से काफी उम्मीदें थीं जो अब टूट चुकी हैं क्योंकि देश में इलाज करवाने का खर्च काफी ज्यादा है ऐसे में गरीब तबके के लोगों को उम्मीदें थी कि इस बार सरकार हेल्थ केयर के लिए कोई नई योजना लागू कर सकती है। तो चलिए इस खबर में जानते हैं कि हेल्थ केयर सेक्टर में कौन से ऐसे मुद्दे थे जिनपर बजट में काम होना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं किया गया है।
Budget 2019 Live: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बोलीं 5.6 लाख गांव खुले में शौच से हुए मुक्त आयुष्मान भारत योजना पिछले साल साल सरकार ने आयुष्मान भारत योजना लॉन्च की थी जिसका मकसद निर्धन और गरीब परिवारों को 5 लाख रुपये तक का हेल्थ इंश्योरेंस उपलब्ध करवाना था। सरकार की यह योजना काफी सफल भी रही और आंकड़ों के मुताबिक़ इस योजना से देश के 10 करोड़ परिवारों को फायदा पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया था। इस योजना में 1200 करोड़ रुपए के फंड को मंजूरी दी गई थी। लेकिन इस बार उम्मीद की जा रही थी की सरकार इस योजना में लाभ पाने वालों की संख्या बढ़ा सकती है साथ ही इस योजना का बजट भी बढ़ाया जा सकता है जिससे देश में गरीब और इलाज करवाने में असमर्थ तबके को राहत दी जा सके।
टैक्स में छूट हमारे देश में हार्ट डिजीज और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं लेकिन इन बामारियों की दवाइयां और चेकअप वगैरह काफी महंगी होता है जिसकी वजह से बहुत सारे लोग इलाज नहीं करवा पाते हैं ऐसे में लोगों को उम्मीद थी कि दवाइयों और चेकअप में लगने वाले टैक्स में छूट मिलेगी जिससे गंभीर बीमारियों के इलाज का खर्च कम हो जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
महिला स्वास्थ्य ऐसी उम्मीद जताई जा रही थी कि महिला स्वास्थ्य की दिशा में इस बार के बजट में काम किया जाएगा लेकिन बजट में महिला स्वास्थ्य की दिशा में कोई भी काम नहीं किया गया है।
Budget 2019: मोदी सरकार बनाएगी महात्मा गांधी के लिए खास वेबसाइट ‘गांधीपीडिया’ AIIMS पहले सिर्फ मेट्रो सिटीज में ही एम्स हुआ करते थे लेकिन इस बार के बजट में उम्मीद लगाईं जा रही थी कि छोटे शहरों में भी AIIMS खोला जाएगा पर इसे लेकर कोई भी ऐलान बजट पढ़े जाने के दौरान नहीं किया गया। तो कुल मिलाकर बजट 2019 में हेल्थ केयर सेक्टर खाली हाथ रहा।