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5जी के लिए हाईलेवल कमेटी ने सरकार को सौंपी सिफारिश, आप भी जानिए

नीतिगत सुझाव एवं कार्य योजना के लिए पिछले वर्ष सितंबर में गठित 5जी उच्चस्तरीय फोरम के तहत बनी संचालन समिति ने गुरुवार 23 अगस्त 2018 को सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी।

Aug 23, 2018 / 06:25 pm

Manoj Kumar

5जी के लिए दिसंबर तक स्पेक्ट्रम नीति बनाने की सिफारिश

नई दिल्ली। देश में पांचवी पीढ़ी की दूरसंचार सेवाएं शुरू करने के लिए अगले 10 वर्ष में दूरसंचार कंपनियों को उपकरणों पर जहां 250 अरब डॉलर का निवेश करना पड़ेगा, वहीं सरकार से इसके लिए आवश्यक स्पेक्ट्रम के लिए इस साल के अंत तक नीति बनाने की सिफारिश की गई है। नीतिगत सुझाव एवं कार्य योजना के लिए पिछले वर्ष सितंबर में गठित 5जी उच्चस्तरीय फोरम के तहत बनी संचालन समिति ने गुरुवार को नई दिल्ली में सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी। समिति के अध्यक्ष एवं अमरीका की स्टैंफोर्ड यूनिवर्सिटी के मानद प्रोफेसर डॉ. ए पॉलराज ने दूरसंचार सचिव अरुणा सुंदरराजन को रिपोर्ट सौंपते हुए कहा कि देश में 5जी के लिए तीन प्रमुख क्षेत्रों डिप्लोयमेंट, प्रौद्योगिकी और विनिर्माण पर प्रमुखता से ध्यान दिए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि फोरम ने अभी इसके डिप्लोयमेंट पर ध्यान केन्द्रित करते हुए रिपोर्ट तैयार की है।
समाज के लिए परिवर्तनकारी होगा 5जी

फोरम के तहत स्पेक्ट्रम नीति, नियामक नीति, शिक्षा और जागरूकता प्रोत्साहन कार्यक्रम, एप्लिकेशन और उपयोग केस लैब, मानक के स्तर विकसित करने, प्रमुख परीक्षण और प्रदर्शन तथा अंतरराष्ट्रीय मानकों की भागीदारी पर कुल सात कार्यबल गठित किए गए थे और उनकी रिपोर्ट के आधार पर सिफारिशें की गई हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था में 5जी से 10 खरब डॉलर का प्रभाव पड़ने का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह समाज के लिए परिवर्तनकारी होगा। इससे शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, जन सुरक्षा और आपदा प्रबंधन तथा विनिर्माण पर व्यापक असर होगा। उन्होंने कहा कि भारत में 5जी के लिए दूरसंचार विभाग में एक निगरानी समिति बनाने की सिफारिश की गई है जिसमें 5जी प्रोग्राम कार्यालय होना चाहिए और उसके अधीन विशेष प्रोग्राम संयोजक, विशेषज्ञ समिति और दूरसंचार से जुड़े तीनों विभागों का प्रतिधिनत्व होना चाहिए।
अक्टूबर 2019 तक नियामक मामलों पर दिशा-निर्देश जारी करने की सिफारिश

रिपोर्ट में सरकार को 5जी के लिए इस वर्ष के अंत तक स्पेक्ट्रम नीति घोषित करने और इसके लिए आवश्यक अधिसूचना जारी करने की सलाह दी गई है। स्पेक्ट्रम प्रौद्योगिकी इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण के लिए सलाह देने के उद्देश्य से पांच वर्ष के लिए एक स्थायी समिति गठित करने, बिजनेस इनेब्लमेंट, सुरक्षा और गोपनीयता तथा स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए विशेष समितियां बनाने, 5जी को यथाशीघ्र शुरू करने के लिए अक्टूबर 2019 तक नियामक मामलों पर दिशा-निर्देश जारी करने, टीडीएसआई के तहत पूर्णकालिक वरिष्ठ प्रोग्राम संयोजकों की नियुक्ति करने के लिए कहा गया है। कार्यबल की सिफारिशों को लागू करने के लिए सी डॉट और आईआईटी मद्रास में पूर्णकालिक वरिष्ठ प्रोग्राम संयोजक बनाने के लिए भी कहा गया है।
चार सर्किलों में 5 जी ट्रॉयल की सिफारिश

देश के चार सर्किलों में 5जी ट्रॉयल करने की सिफारिश किए जाने का उल्लेख करते हुए डॉ. पॉलराज ने बताया कि 5जी के लिए पहले चरण में 405 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की जरूरत होगी। इसके दूसरे चरण में 137 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम चाहिए, जो अलग-अलग बैंड में होंगे। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में सबसे पहले अमरीका में वर्ष 2019 की पहली छमाही में 5जी सेवा शुरू होने वाली है। इसके बाद दुनिया के कई देशों में एक साथ यह सेवा शुरू हो सकती है। भारत के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 में यह सेवा शुरू हो सकती है।

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