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अब महंगी हो गई आपकी EMI, आरबीआई ने रेपो रेट में 0.25% की बढ़ोतरी

locationनई दिल्लीPublished: Feb 08, 2023 09:11:38 am

Submitted by:

Shaitan Prajapat

भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक समिति की बैठक सोमवार से शुरू हुई है और संभावना जताई जा रही हैं कि केंद्रीय बैंक इस बार भी रेपो रेट में बढ़ोतरी कर सकती है। जानकारों की माने तो केंद्रीय बैंक रेपो रेट में 25 बेसिक प्वाइंट की बढ़ोतरी कर सकता है।

RBI

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आसमान छू रही महंगाई के बीच आज आम आदमी को एक और झटका लग सकता है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया आज रेपो रेट में बढ़ोतरी का ऐलान कर सकता है। आरबीआई की सोमवार से शुरू हुई मौद्रिक समीक्षा बैठक का आज आखिरी दिन है। संभावना जताई जा रही है कि आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास इस बार भी रेपो रेट में बढ़ोतरी कर सकते है। जानकारों की माने तो केंद्रीय बैंक रेपो रेट में 25 बेसिक प्वाइंट की बढ़ोतरी कर सकता है। बता कि बीते पांच क्रेडिट पॉलिसी में आरबीआई रेपो रेट में कुल 225 बेसिस पॉइंट या 2.25 फीसदी की बढ़ोतरी कर चुका है।

 


आरबीआई की क्रेडिट पॉलिसी के लिए एक्सपर्ट का अनुमान है कि देश में महंगाई दर नीचे आ गई है। बीते साल लगातार पांच बार रेपो रेट में बढ़ोतरी का सिलसिला इस साल भी जारी रहेगा। एक्सपर्ट की माने तो आरबीआई ज्यादा से ज्यादा 0.25 फीसदी की बढ़त रेपो रेट में कर सकता है। इसे 6.50 फीसदी पर लाया जा सकता है। अगर ब्याजों में इजाफा होता है तो लोन की ईएमआई भी बढ़ जाएगी। वहीं, कई वित्तीय जानकारों का मानना है कि आरबीआई इस पॉलिसी में दरों में कोई इजाफा नहीं करेगा। यदि ऐसा होगा तो लोगों को बढ़ती ईएमआई से कुछ राहत मिल सकेगी।

 

 


आरआईबी ने बीते साल 2022 के आखिर तक एक के बाद एक पांच बार रेपो रेट को बढ़ाकर 6.24 फीसदी कर दिया था। इसमें आखिरी बार बढ़ोतरी दिसंबर 2022 हुई थी। उस समय एमपीसी की बैठक के बाद ब्याज दरों में 0.35 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। एक साल में ही आरबीआई ने रेपो रेट में कुल 225 बेसिस प्वाइंट या 2.25 फीसदी की वृद्धि की थी।

 

 


आरबीआई द्वारा निर्धारित रेपो रेट सीधे बैंकों के लोन पर असर पड़ता है। यदि इसकी दरें बढ़ती हैं तो होम लोन, ऑटो लोन, पर्सनल लोन सभी तरह का लोन महंगा हो जाएगा। रेपो रेट वह दर होती है जिस पर आरबीआई (RBI) बैंकों को कर्ज देता है, जबकि रिवर्स रेपो रेट उस दर को कहते हैं जिस दर पर बैंकों को आरबीआई पैसा रखने पर ब्याज देती है। रेपो रेट के कम होने से लोन की EMI घट जाती है। वहीं रेपो रेट में इजाफा होने से सभी तरह का लोन महंगा हो जाता है।

 

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