कंपनी ने कहा कि वित्त वर्ष 2016-17 के उत्तराद्र्ध में सेक्टर में आई एक नई कंपनी (रिलायंस जियो) के नि:शुल्क वॉयस और मोबाइल डाटा ऑफरों के कारण भारतीय वायरलेस उद्योग में अभूतपूर्व उथल-पुथल देखा गया। सभी मोबाइल ऑपरेटरों के राजस्व में तेज गिरावट दर्ज की गई है। भारतीय मोबाइल उद्योग के इतिहास में पहली बार कंपनियों का राजस्व करीब दो प्रतिशत कम हुआ है।
हालांकि, उसने उम्मीद जताई कि नयी कंपनी के धीरे-धीरे अपनी सेवाओं के लिए शुल्क वसूलना शुरू करने से अगले वित्त वर्ष में सेक्टर में वृद्धि वापस आने की उम्मीद है। आलोच्य तिमाही में कंपनी का कुल राजस्व 9,500.70 करोड़ रुपए से 13.75 प्रतिशत घटकर 8,194.50 करोड़ रुपए रह गया। कंपनी बताया कि तिमाही के दौरान ‘अपने मौजूदा ग्राहकों को जोड़े रखने के लिए’ आइडिया तिमाही-दर-तिमाही आधार पर अपनी दरों में कटौती पर विवश हुई जिसका असर राजस्व पर पड़ा।
इस दौरान उसने औसत वॉयस कॉलिंग दरें 12.5 प्रतिशत घटाकर 25.9 पैसा प्रति मिनट कर दिया। तीसरी तिमाही में यह 29.6 पैसा प्रति मिनट थी। मोबाइल डाटा शुल्क 15.9 पैसे प्रति एमबी से 27.6 प्रतिशत घटाकर 11.5 पैसे प्रति एमबी करना पड़ा। इसके बावजूद चौथी तिमाही में उसके मोबाइल डाटा ग्राहकों की संख्या में 4.22 करोड़ की कमी आई है। तीसरी तिमाही में इसमें 4.86 करोड़ की कमी दर्ज की गई थी।