वर्ल्ड इकॉनोमिक रिपोर्ट में खुलासा आईएमएफ ने अपनी लेटेस्ट वर्ल्ड इकॉनोमिक रिपोर्ट में कहा है कि ‘भारत में वृद्धि की गति नरम है जो कि मुद्रा अदला बदली और साल के बीच में ही देश भर में माल एवं सेवा कर (GST) को लागू को लेकर अनिश्चितता के चलते हुआ।’ इसमें कहा गया है कि अच्छे सरकारी परिव्यय और आंकड़ों में संशोधन के चलते 2016 में भारत की वृद्धि दर बढ़कर संशोधित 7.1 प्रतिशत हो गई। इसके साथ ही आईएमएफ ने 2017 में वृद्धि दर के लिहाज से चीन को भारत से कुछ आगे रखा है। 2017 में चीन की वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत रहना अनुमानित है।
भारत की अर्थव्यवस्था पकड़ेगी रफ्तार हालांकि, इस रिपोर्ट के अनुसार 2018 में भारत दुनिया में सबसे तेज वृद्धि करने वाली उदीयमान अर्थव्यवस्था का दर्जा फिर हासिल कर सकता है, जबकि उस साल चीन की वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहना अनुमानित है। इसमें कहा गया है कि GST उन कुछ प्रमुख ढांचागत सुधारों में से एक है, जिनसे मध्यम अवधि में वृद्धि दर बढ़कर आठ प्रतिशत करने में मददगार होंगें। इसके अनुसार, ‘भारत में श्रम बाजार नियमों और भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया के सरलीकरण के व्यापारिक माहौल को और बेहतर बनाने के लिए लंबे समय से प्रतीक्षा की जा रही है।’
2017 व 2018 में क्रमश: 3.6 प्रतिशत व 3.7 प्रतिशत आईएमएफ का कहना है कि 1999 और 2008 के बीच भारत की औसत वृद्धि दर 6.9 प्रतिशत रही, उसके बाद 2009 में यह 8.5 प्रतिशत, 2010 में 10.3 प्रतिशत व 2011 में 6.6 प्रतिशत रही। इसी तरह 2012, 2013 व 2014 में वृद्धि दर क्रमश: 5.5 प्रतिशत, 6.4 प्रतिशत व 7.5 प्रतिशत रही। वहीं वैश्विक स्तर पर आईएमएफ ने वृद्धि दर 2017 व 2018 में क्रमश: 3.6 प्रतिशत व 3.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।