scriptअमरीकी रिपोर्ट का दावा, भारत व्यापार करने के लिए एक चुनौतीपूर्ण जगह बना | India Remains Challenging Place To Do Business: US Report | Patrika News

अमरीकी रिपोर्ट का दावा, भारत व्यापार करने के लिए एक चुनौतीपूर्ण जगह बना

locationनई दिल्लीPublished: Jul 22, 2021 07:57:14 pm

Submitted by:

Mohit Saxena

रिपोर्ट में जम्मू-कश्मीर से विशेष संवैधानिक स्थिति को हटाने और नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) पारित करे जाने का उल्लेख किया गया है।

india us trade

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नई दिल्ली। अमरीका की रिपोर्ट के अनुसार भारत व्यापार (india-us Trade) करने के लिए अभी भी चुनौतीपूर्ण जगह बना हुआ है। निवेश में नौकरशाही संबंधी अड़चनें बांधा बन रही हैं। ऐसे में एक विश्वसनीय निवेश का माहौल बनाने की आवश्यकता है।

‘2021 इन्वेस्टमेंट क्लाइमेट स्टेटमेंट्स इंडिया’ (2021 Investment Climate Statements: India) की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत व्यापार करने के लिए एक चुनौतीपूर्ण जगह बन चुका है। इस रिपोर्ट में जम्मू-कश्मीर से विशेष संवैधानिक स्थिति को हटाने और नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) पारित करे जाने का उल्लेख किया गया है।

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रिपोर्ट के अनुसार नए संरक्षणवादी उपायों, जिसमें प्रतिस्पर्धी विकल्पों को सीमित करने वाले खरीद नियम, बढ़े हुए शुल्क शामिल हैं। इससे सप्लाई चेन पर असर पड़ा है। इसके साथ विशिष्ट भारतीय मानक (Specific Indian Standard) जो अंतरराष्ट्रीय स्टैंडर्ड के साथ मेल नहीं खाता है। इसने द्विपक्षीय व्यापार में बढ़ोतरी को बाधित किया है।

100 दिन में दो विवादास्पद फैसले लिए

अमरीकी विदेश मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले 100 दिन में दो विवादास्पद फैसले लिए। पहला जम्मू-कश्मीर से विशेष संवैधानिक दर्जा हटाना और दूसरा सीएए को पारित करना । इस पर भारत का कहना है कि सीएए उसका आंतरिक मामला रहा है। किसी भी विदेशी पक्ष को भारत की संप्रभुता से जुड़े मुद्दों पर टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है।

विदेश विभाग की रिपोर्ट में कहा गया है कि विरोध प्रदर्शन सीएए के लागू होने के बाद हुए, लेकिन मार्च 2020 में COVID-19 की शुरुआत और सख्त राष्ट्रीय लॉकडाउन के साथ समाप्त हो गया। COVID-19 का प्रबंधन 2020 में प्रमुख मुद्दा बन गया, जिसमें आर्थिक गतिविधियों में गिरावट भी शामिल है और दिसंबर 2020 तक आर्थिक गतिविधियों में सकारात्मक वृद्धि के संकेत दिखाई देने लगे।

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आर्थिक चुनौतियां सामने आईं

मगर कोरोना की दूसरी लहर के कारण भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। विदेश विभाग के अनुसार कोरोना महामारी और इसके परिणामस्वरूप राष्ट्रीय स्तर पर लॉकडाउन के कारण आर्थिक चुनौतियां पैदा हुईं हैं। भारत ने व्यापक सामाजिक कल्याण और आर्थिक प्रोत्साहन कार्यक्रम लागू किए और बुनियादी ढांचे और सार्वजनिक स्वास्थ्य पर खर्च बढ़ाया।

सरकार ने फार्मास्यूटिकल्स, ऑटोमोबाइल, टेक्सटाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य क्षेत्रों में विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहनों को भी अपनाया। इन उपायों ने भारत को अप्रैल 2020 और मार्च 2021 के बीच सकल घरेलू उत्पाद में करीब आठ प्रतिशत की गिरावट से उबरने में मदद की।

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