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कालाधन छुपाना होगा मुश्किल, स्विस बैंक में खाता रखने वालों की जानकारी सीधे भारत को मिलेगी

Published: Jun 16, 2017 08:33:00 pm

Submitted by:

Kamlesh Sharma

लोगों के लिए कालाधन छुपाना मुश्किल होगा। स्विट्जरलैंड ने भारत और 40 अन्य देशों के साथ अपने यहां संबंधित देश के लोगों के वित्तिय खातों, संदिग्ध काले धन से संबंधित सूचनाओं के आदान- प्रदान की व्यवस्था को शुक्रवार को मंजूरी दे दी है।

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 लोगों के लिए कालाधन छुपाना मुश्किल होगा। स्विट्जरलैंड ने भारत और 40 अन्य देशों के साथ अपने यहां संबंधित देश के लोगों के वित्तिय खातों, संदिग्ध काले धन से संबंधित सूचनाओं के आदान- प्रदान की व्यवस्था को शुक्रवार को मंजूरी दे दी है। इसके लिए इन देशों को गोपनीयता और सूचना की सुरक्षा के कड़े नियमों का अनुपालन करना होगा।
कर संबंधी सूचनाओं के स्वत: आदान-प्रदान (एईओआई) पर वैश्विक संधि के अनुमोदन के प्रस्ताव पर स्विट्जरलैंड की संघीय परिषद (मंत्रिमंडल) की मुहर लग गई है। स्विट्जरलैंड सरकार ने इस व्यवस्था को साल 2018 से संबंधित सूचनाओं के साथ शुरू करने का फैसला लिया है। इसके लिए आंकड़ों के आदान-प्रदान की शुरुआत 2019 में होगी। स्विट्जरलैंड की संघीय परिषद सूचनाओं के आदान-प्रदान की व्यवस्था शुरू करने की तिथि की सूचना भारत को जल्द ही देगी। 
गौरतलब है स्विस बैंक भारतीयों के कालाधन 2014 के लोकसभा चुनाव में सबसे बड़े मुद्दों में से एक था। उस वक्त बीजेपी के पीएम उम्मीदवार रहे नरेंद्र मोदी ने सरकार बनने पर देश के बाहर से भारतीयों के कालेधन को देश में वापस लाने का वादा किया था। 
इस वादे को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार लगातार स्विटजरलैंड सरकार पर कूटनीतिक दबाव बना रही थी। भारत सरकार ने बैंकिंग सौदों के से जुड़े सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए वैश्विक मंचों पर भी कई बार कोशिश की थी। स्विट्जरलैंड सरकार के इस नए फैसले से भारत में कालेधन को खपाने और मनीलॉन्ड्रिंग को रोकने में सरकार को बड़ी मदद मिलेगी।
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