रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने रेलवे की नई कैटरिंग पॉलिसी जारी करते हुए बताया कि फिर से आईआरसीटीसी को देश भर में ट्रेनों में खानपान की व्यवस्था संभालने की जिम्मेदारी दी गई है। उन्होंने कहा कि हमें लंबे समय से यात्रियों की रेल में खराब खाने की शिकायतें आ रही थी। यात्रियों की इसी समस्या को दूर करने के लिए ट्रेनों में भोजन सप्लाई करने की जिम्मेदारी एक बार फिर रेलवे ने अपनी जगह इंडियन रेलवे कैटरिंग ऐंड टूरिजम कॉर्पोरेशन (आईआरसीटीसी) को सौंप दी है।
अब ये होगा इस पॉलिसी के तहत ये बड़ा काम होगा कि ट्रेनों में खाना नहीं पकाया जाएगा बल्कि ट्रेन की पैंट्री में सिर्फ ऐसी व्यवस्था होगी कि बेस किचन से आया हुआ भोजन गर्म रहे।
आईआरसीटीसी की जिम्मेदारी अब आईआरसीटीसी का उन बेस किचन पर सीधा नियंत्रण होगा, जहां खाना पकाया जाता है। अब तक खाना कहां पकेगा और कैसे पकेगा, इसका फैसला कंट्रैक्टर ही करते थे जिसमें बदलाव आएगा।
हॉस्पिटैलिटी सेक्टर भा होगा अहम हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री के सेवा प्रदाताओं के जरिए यात्रियों तक इस भोजन को पहुंचाने की व्यवस्था की जाएगी। खाना बनाने और परोसने तक का सारा काम हॉस्पिटैलिटी सेक्टर से जुड़ा स्टाफ ही संभालेगा। इसमें बाजार की जानी-मानी फूड चेन कंपनियों को जोड़ा जाएगा।
अब होगा ये फायदा साथ ही सभी बेस किचन जोनल रेलवे के अधीन होंगे जिसके तहत सभी जोनल रेलवे के पैंट्री कार सर्विस कॉन्ट्रैक्ट भी आईआरसीटीसी को दिए जाएंगे। इसके अलावा ए-1 और ए केटेगरी के रेलवे स्टेशनों पर चलने वाले जन-आहार और फूड प्लाजा, फूड कोर्ट की जिम्मेदारी भी आईआरसीटीसी के पास होगी।