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1 फरवरी को पेश होगा अंतरिम बजट, जानें कैसे आम बजट से है अलग

जिसे बोलचाल की भाषा में आम बजट कहा जाता है उसे संविधान के आर्टिकल 112 में एनुअल फाइनेंशियल स्टेटमेंट कहा गया है। पत्रिका बिजनेस आपको बताएगा कि आखिर अंतरिम बजट और आम बजट होता क्या है।

Jan 30, 2019 / 11:40 am

Dimple Alawadhi

अरूण जेटली

नई दिल्ली। संविधान में ‘बजट’ शब्द का जिक्र नहीं है। जिसे बोलचाल की भाषा में आम बजट कहा जाता है उसे संविधान के आर्टिकल 112 में एनुअल फाइनेंशियल स्टेटमेंट कहा गया है, जो अनुमानित प्राप्तियों और खर्चों का उस साल के लिए सरकार का विस्तृत ब्योरा होता है। ये वित्त मंत्री अरुण जेटली का छठा बजट होता लेकिन उनकी तबीयत खराब है, इस वजह से वे अंतरिम बजट पेश नहीं करेंगे। उनकी जगह पीयूष गोयल 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश करेंगे। अंतरिम बजट के बाद चुनाव के बाद नई सरकार पूर्ण बजट पेश करेगी। ऐसे में कई लोगों के मन में ये सवाल उठ रहा होगा कि आखिर अंतरिम बजट और पूर्ण बजट में अंतर क्या होता है। पत्रिका बिजनेस आपको बताएगा कि आखिर अंतरिम बजट और आम बजट होता क्या है।


क्या होाता है अंतरिम बजट ?

अंतरिम बजट वो बजट होता है जो सरकार के कार्यकाल के आखिरी साल में आम चुनाव से ठीक पहले पेश किया जाता है। इस समय सरकार को अपना खर्च चलाने के लिए रकम चाहिए होती है। इसके लिए सरकार को कंसोलिडेटेड फंड से रकम लेने के लिए संसद की मंजूरी जरूरी होती है। लोक सभा चुनाव से ठीक पहले पेश हो रहे इस बजट से सभी को बड़ी उम्मीदें हैं। अंतरिम बजट में आमतौर पर टैक्स से जुड़े बड़े एलान नहीं होते हैं ताकि आने वाली सरकार पर बोझ न पड़े। हालांकि ऐसा करने पर कोई रोक भी नहीं है। 1 फरवरी को पेश होने वाला अंतरिम बजट नरेंद्र मोदी सरकार के लिए काफी अहम होगा क्योंकि सरकार आम चुनावों से पहले इसमें लोकप्रिय योजनाओं का एलान कर सकती है। अंतरिम बजट को वोट ऑन अकाउंट (Vote on Account) के साथ-साथ लेखानुदान मांग और मिनी बजट भी कहा जाता है। बता दें वोट ऑन अकाउंट के जरिए सीमित अवधि के लिए सरकार के जरूरी खर्च को मंजूरी मिलती है।


क्या है आम बजट ?

अंतरिम बजट के बाद चुनाव के बाद नई सरकार पूर्ण या आम बजट पेश करती है। आम बजट में सरकार की आर्थिक नीति की दिशा दिखाई देती है। इसमें मंत्रालयों को उनके खर्चों के लिए पैसे का आवंटन होता है। बड़े तौर पर इसमें आने वाले साल के लिए कर प्रस्तावों का ब्योरा पेश किया जाता है। इसके साथ ही यह रकम कहां से आएगी, इसके प्रस्ताव भी बजट में बताए जाते हैं। पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने 2014 में अंतरिम बजट पेश किया था, जिसके बाद केंद्र में भाजपा की सरकार बनी और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जुलाई में पूर्ण बजट पेश किया। मोदी सरकार ने फरवरी के अंत में बजट पेश करने की परंपरा खत्म कर दी थी।

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