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जल्द कराएं बीमा पॉलिसी को आधार से लिंक, नही तो होगी ये परेशानी

बीम सहित सभी वित्तीय सेवाओं का लाभ लेने के लिए आधार और पैन जमा करना है अनिवार्य

Nov 17, 2017 / 12:06 pm

manish ranjan

नई दिल्ली। अब हर व्यक्ति को अपने बीमा पॅालिसी से आधार को लिंक कराना अनिवार्य हो गया है। इसके लिए इंश्योरेंस रेग्युलेटर अथॉरिटी ऑफ इंडिया (इरडा) ने बीमा कंपनियों को निर्देश दे दिया है। हालांकि इससे अब बीमा कंपनियों को लॉजिस्टिक्स के मोर्चे पर एक बड़ी चुनौती खड़ा होने की संभावना है। इरडा के बीम कंपनियों को दिए निर्देश में कहा गया है कि, आप तब तक क्लेम पेमेंट ने करें जब तक कि पॅालिसीधारक अपने आधार और पैन नंबर न जमा करे। इरडा ने बीमा कंपनियों को भेजे अपने एक सर्कुलर में कहा है कि केन्द्र ने एक जून 2017 को जारी अपने नोटिफिकेशन में बीमा सहित सभी वित्तीय सेवाओं का लाभ लेने के लिए आधार और पैन का जमा कराना अनिवार्य है।


इरडा ने कहा, सभी को करना होगा कानून का पालन

सूत्रों के मुताबिक, इरडा ने कंपनियों को इस बारे में जानकारी दे दी है कि जो कानून है उसका पालन सभी को करना होगा। इरडा का निर्देश वैधानिक है और लाइफ और जनरल इंश्योरेंस कंपनियों को अगले निर्देशों किए बिला इसे लागू करना होगा। हालांकि कुछ बीमा कंपनियां यह मान रही हैं कि तत्काल प्रभाव का अर्थ यह है कि आधार और पैन के बिना किसी तरह का पेमेंट संभव नहीं है। आपको पता हो कि पहले ही बीमा कंपनियों को कैश क्लेम सेटलमेंट करने से रोका जा चुका है। जिसके बाद से सभी बीमा कंपनियों को क्लेम अमाउंट केवल बैंक खातों में ही ट्रांसफर करना होगा। नियमों के मुताबिक 50 हजार रुपए से अधिक के कैश प्रिमियम पर पैन देना पहले से ही अनिवार्य है और पहले से ही कई बीमा कंपनियां लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसिज के लिए पैन मांग रही है। ये भी साफ कर दिया गया है बैंको के तर्ज पर ही आधार को पॉलिसी से लिंक करना होगा और इसके लिए प्रक्रिया भी वही रहेगा।


पिछले साल 2.67 करोड़ लोगों का हुआ था पॉलिसी जारी

इस विषय पर कई जानकारों को मानना है कि, आधार को बीमा पॉलिसी से लिंक करने में बैंको जैसी ही मेहनत करनी होगी। पॉलिसिज को हर साल जारी किया जाता है और जीवन बीमा पॉलिसी अवधि भी लंबी होती है। एलआईसी जैसी कंपनियां तो अकेले ही 29 करोड़ पॉलिसी जारी कर चुकी है। बता दें की एक आंकड़े के अनुसार पिछले साल कई जीवन बीमा कंपनियों ने 2.67 करोड़ पॉलिसी जारी किया था, जिसमें अधिकतर (लगभग 2.05 करोड़) पॉलिसी तो अकेले एलआईसी की थी।


लंबी अवधि के लिए हो सकता है लाभकारी कदम

कुछ जानकारोंं का तो ये मानना है कि लंबी अवधि में नॉन लाइफ कंपनियों के लिए यह परिवर्तन लाभकारी होगा। क्योंकि इससे उन्हे बीमा किए जाने वाले ऑब्जेक्ट के बजाय व्यक्ति के आधार पर बीमा देने में आसानी होगी। देश में फिलहाल 54 बीमा कंपनियां है, जिसमें 4 नॉन लाइफ, एक लाइफ और एक रीइंश्योरेंस कंपनी पब्लिक सेक्टर में है।

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