जैश का हेडक्वार्टर लाहौर से लगभग साढ़े 4 सौ किलोमीटर दूर बहावलपुर में है। यहां कथित तौर पर एक मस्जिद और एक मदरसे से संगठन अपनी तमाम आतंकी गतिविधियों को अंजाम देता है।
जैश से ताल्लुक रखने वाले युवाओं के लिए बहावलपुर कॉम्पलेक्स को एंट्री गेट भी माना जा सकता है, यहां से फिर बालाकोट में ट्रेनिंग होती है, जिसे उनकी पदोन्नति भी माना जा सकता है।
आतंकियों का ये हेडक्वार्टर मामूली जगह नहीं, बल्कि तमाम सुविधाओं से युक्त है। यह करीब तीन एकड़ में फैला हुआ है, जहां आतंकियों की ट्रेनिंग होती है। माना जा रहा है कि यहां लगभग 600 युवा लगातार प्रशिक्षण पाते हैं।
मसूद अजहर को इस जगह को अपने मुताबिक बनाने में लगभग तीन साल का वक्त लगा। इसमें जिम की सुविधा भी है तो साथ ही एक बड़ा सा स्विमिंग पूल भी है।
सभी तरह की मॉर्डन सुविधाओं से भरपूर ये हेडक्वार्टर बनाने के लिए जैश के सरगना मसूद को न केवल सरकार से मदद मिली, बल्कि इसके लिए मिडिल ईस्ट, अफ्रीका और यूके से भी फंड इकट्ठा किया गया। मसूद अजहर से जुड़े सारे लोग और उनके परिवार के सदस्य जैसे भाई और दूसरे रिश्तेदार भी जैश के इसी कॉम्पलेक्स के भीतर रहते हैं।