बेमौसम बरसात का असर किसानों पर बहुत देखने को मिल रहा है, क्योंकि ये बात तो कृषि वैज्ञानिक भी कह चुके हैं कि इस बरसात का फायदा तो बिल्कुल भी नहीं है, बल्कि नुकसान ज्यादा है। बेमौसम बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। आंधी-तूफान और बारिश ने गेहूं की फसलें भी बर्बाद कर दीं। बरसात का सबसे ज्यादा असर ग्रामीण अंचलों में देखने मिला। गेहूं की कटी हुई फसलें भीग गईं जिससे फसल की क्वालिटी खराब होगी। हालाकि जिले के 37 हजार हेक्टेयर में लगी गेहूं की फसल में से अधिकांश जगहों पर गहाई हो चुकी है। इसमें लेट बोवनी वाली फसलों को ज्यादा नुकसान बताया जा रहा है। वहीं मौसम विभाग की माने तो अगले दो दिनों तक आसमान में बादल बने रहेंगे।
गोहपारू, बुढ़ार, ब्यौहारी, देवलोंद, धनपुरी सहित ग्रामीण अंचलों में बारिश का प्रभाव देखा गया। संभागीय मुख्यालय में सुबह और शाम हुई बारिश ने लोगों को परेशान किया।
इस तरह के मौसम से बढ़ेगा कीटों का प्रकोप
कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक इस तरह के मौसम से टमाटर, भिंडी, कद्दू, लौकी, करेला जैसी सब्जियों और आम महुआ के फलों में रस चूसक कीटों का प्रकोप बढ़ सकता है। इसलिए किसान विशेषज्ञ की सलाह लेकर कीटनाशकों का प्रयोग करें। वहीं गेंहू की फसल यदि कटकर खेत में रखी है तो उसे तिरपाल से ढंाककर रखें। धूप दिखाकर फसल की गहाई कर लें। गीली गेहूं की फसल में हार्वेस्टिंग में भी दिक्कतें आ सकती है। अगर फसलों में कोई दिक्कत आ रही है, तो विशेषज्ञों से संपर्क करे, उसमें दवाइयों का छिड़काव करें।
गेंहूं की फसल को लेकर सजग रहें किसान
कृषि वेज्ञानिक डॉक्टर पीएम त्रिपाठी के मुताबिक बारिश से गेहूं की क्वालिटी प्रभावित होगी। ऐसे मौसम में सब्जियों और आम, महुआ की फसल पर रसचूसक कीटों का आतंक भी हो जाएगा। किसान गेहूं की फसल को लेकर सजग रहें।