न्यूज एंजेंसी के अनुसार अमेजन में काम करने वाली गीता (बदला हुआ नाम) तीन महीने पहले ही अमरीका आई थी। इस हफ्ते उन्हें बताया गया हैं कि 20 मार्च उनका आखिरी वर्किंग डे है। जैसा कि टेक कंपनियां छंटनी की होड़ में हैं, इस कारण से छोटी समय अवधि के अंदर नौकरी पाना असंभव है। वहीं सीता (बदला हुआ नाम) ने बताया कि वह एच-1बी वीजा पर अमरीका में नौकरी कर रही थी। 18 जनवरी को माइक्रोसॉफ्ट ने नौकरी से निकाल दिया है। उन्होंने बताया कि वह एक सिंगल मदर हैं, जिनका बेटा हाई स्कूल में है और कॉलेज में प्रवेश की तैयारी कर रहा है।
सिलिकॉन वैली वेस्ड उद्यमी और समुदाय के लीडर अजय जैन भूटोरिया ने कहा कि”यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हजारों टेक्नोलॉजी कर्मचारियों को छंटनी का सामना करना पड़ रहा है, विशेष रूप से एच -1 बी वीजा पर जो अतिरिक्त चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्हें 60 दिन के अंदर एक नई नौकरी ढूंढनी होगी। टेक कंपनियों को एच-1बी वीजा वाले कर्मचारियों के लिए विशेष विचार करें और उनकी नौकरी की लास्ट डेट को कुछ महीनों के लिए बढ़ा दें, क्योंकि वर्तमान मार्केट को देखते हुए नौकरी मिलना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।”
हाल ही में 17 जनवरी को संयुक्त राज्य अमरीका ने बताया था कि भारतीयों को बिजनेस वीजा जारी करने में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है और एच1बी जारी करने में भी उल्लेखनीय सुधार हुआ है। कोरोना महामारी के बाद जैसे ही यात्रा शुरू हुई वीजा जारी करने के संबंध में गंभीर चुनौतियां थीं। हालांकि अमरीका ने कहा कि उसने प्रक्रिया को और सुविधाजनक बनाने के लिए कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने जैसे कई कदम उठाए हैं।