बैंकिंग सिस्टम से जोड़ने की तैयारी
आरबीआई ने बुधवार को बैंक लॉकरों के आवंटन में पारदर्शिता लाने के निर्देश दिए हैं। नए नियम के अनुसार, बैंकों के ब्रांच वाइज लॉकर एलॉटमेंट की जानकारी और वेटिंग लिस्ट कोर बैंकिंग सिस्टम से जोड़ने की तैयारी है। नई गाइडलाइंस के अनुसार बैंकों को लॉकर आवंटन के सभी आवेदनों के लिए पावती देनी होगी। अगर लॉकर आवंटन के लिए मौजूद नहीं है तो बैंक ग्राहकों को वेटिंग लिस्ट का नंबर देगा।
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मानदंडों का पूरी तरह से अनुपालन करेगा
नए दिशानिर्देशों के अनुसार, बैंक के मौजूदा ग्राहक जिन्होंने लॉकर सुविधा के लिए आवेदन कर दिया और जो सीडीडी (Customer Due Diligence) मानदंडों का पूरी तरह से अनुपालन करेगा, उन्हें सेफ डिपॉजिट लॉकर/सेफ कस्टडी आर्टिकल की सुविधा निम्नलिखित के अधीन दी जाएगी। नए नियम के अनुसार, जिन ग्राहकों का बैंक के साथ कोई बैंकिंग संबंध नहीं है। उन्हें सेफ डिपॉजिट लॉकर/सेफ कस्टडी आर्टिकल की सुविधा दी जा सकती है।
कोई खतरनाक चीज नहीं रखी जाएगी
आरबीआई के अनुसार बैंक लॉकर समझौते में एक क्लॉज शामिल करेंगे। इस समझौते के तहत लॉकर में कुछ भी अवैध या कोई खतरनाक चीज नहीं रखी जाएगी। अगर बैंक को किसी भी ग्राहक द्वारा सुरक्षित जमा लॉकर में किसी भी अवैध या खतरनाक पदार्थ के जमा होने का संदेह मिलता है तो बैंक को ऐसे ग्राहक के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का अधिकार होगा।
बैंक कर्मचारियों द्वारा धोखाधड़ी
रिजर्व बैंक के नए नियम के अनुसार आग, चोरी, इमारत ढहने या बैंक कर्मचारियों द्वारा धोखाधड़ी को लेकर बैंकों की देनदारी उसके वार्षिक किराए के 100 गुना तक सीमित होगी। यदि ग्राहक द्वारा लगातार तीन वर्षों तक किराए का भुगतान न करे तो बैंक उचित प्रक्रिया का पालन कर किसी भी लॉकर को खोल सकता है।